आजकल कई घरों में और कई किसान भी प्लास्टिक मल्चिंग का प्रयोग करने लगे हैं. मल्च यानी मिट्टी की सतह पर प्रयोग की जाने वाली सामग्री और आजकल इस टेक्निक का प्रयोग कई तरह से किया जाने लगा है. बाजार में कई तरह के प्लास्टिक मल्च इस समय मौजूद हैं जिनका प्रयोग कई तरह की फसलों में किया जाने लगा है. वहीं अब जहां इसके इतने फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं.आइए आज हम आपको मल्चिंग के 10 नुकसान के बारे में बताते हैं.
मल्च का प्रयोग मुख्य तौर पर पानी से मिट्टी को होने वाले नुकसान को रोकना है ताकि कोई भी फसल पानी की नियंत्रित मात्रा के साथ बढ़े. इसके अलावा यह मिट्टी के तापमान, पानी के प्रयोग की क्षमता, पौधों के विकास, फसलों की गुणवत्ता के साथ ही साथ उसे खरपतवार और कीड़ों के संक्रमण से भी बचाता है.
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ऐसी कई रिसर्च हुई हैं जिनसे पता लगता है कि बाजार में मिलने वाले रंग-बिरंगे मल्च का फसलों पर गलत प्रभाव भी पड़ता है. कुछ पौधों में वृद्धि और फसल में कमी, कीटों का संक्रमण, माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण, मिट्टी का जमाव जैसे नुकसान भी देखे गए हैं.
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इसके अलावा कई रिसर्च में इस बात के संकेत मिले हैं कि प्लास्टिक मल्च का प्रभाव मिट्टी के तापमान, नमी और पानी सोखने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है. काला और नीला प्लास्टिक मल्च मिट्टी के तापमान को बढ़ाता है.
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