भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां पर 75 प्रतिशत से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है. पहले किसान सिर्फ धान- गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की ही खेती करते थे. लेकिन अब किसान बागवानी में भी इंटरेस्ट ले रहे हैं. खास कर किसान बड़े स्तर पर विदेशी फूलों की खेती कर रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी इनकम हो रही है. लेकिन आज हम एंथुरियम के फूल के बार में बात करेंगे. इसकी डिमांड मार्केट में तेजी से बढ़ रही है. इसका उपयोग सजावट के लिए किया जाता है. अगर किसान इसकी खेती करते हैं, तो कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं.
एंथुरियम अमेरकी फूल है. इसकी खेती की शुरुआत फ्रांस और बेल्जियम से हुई थी.1980 में ये फूल लाइमलाइट में आया और पूरी दुनिया में फैल गया. लेकिन अब भारत में भी किसानों ने इसे उगाना शुरू कर दिया है. मिजोरम में किसान इसकी बड़े स्तर पर खेती करते हैं. खास बात यह है कि फूल के साथ-साथ इसकी पत्तियों का भी इस्तेमाल सजावट के लिए किया जाता है. कलकता, दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में एंथुरियम की मांग बढ़ती जा रही है. एंथुरियम के फूल सफेद, नारंगी,लाल, हरा, गुलाबी, बैंगनी या बहुरंगी कलर के भी होते हैं. अब दूसरे राज्यों में भी किसान पॉलीहाउस के अंदर इसकी खेती कर रहे हैं.
एंथुरियम की खेती किसी भी तरह के जमीन पर की जा सकती है. लेकिन, मिट्टी का पीएच मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए. इसकी खेती करने से पहले किसानों को पॉलीहाउस का निर्माण करना होगा. क्योंकि पॉलीहाउस में एंथुरियम के पौधे तेजी से ग्रोथ करते हैं, तो फूलों का उत्पादन भी अच्छा होता है. ऐसे एंथुरियम की नर्सरी को बीजों से उगाना संभव नहीं है. इसलिए लैब में इसे टिश्यू कल्चर के जरिए विकसित किया जाता है. एंथुरियम के पौधे के लिए तापमान 15 से 28 डिग्री के बीच होना चाहिए.
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वहीं, खेती शुरू करने से पहले आपको पॉलीहाउस में एक बेस तैयार करना होगा, जिसकी ऊंचाई ढ़ाई फुट और लंबाई 25 फुट होना चाहिए. इसके बाद बेस पर एक खास तरह की ट्रे लगाई जाती है. इसी ट्रे में गमले रखने के लिए सांचे तैयार किए जाते हैं. इसके बाद गमले में एंथुरियम के पौधों की रुपाई की जाती है. हफ्ते में दो बार खाद भी डालनी पड़ती है.
50 लीटर पानी में 1.62 किलो कैल्शियम नाइट्रेट, 700 ग्राम पोटैशियम, 400 ग्राम अमोनियम नाइट्रेट और 140 ग्राम आयरन को मिलाकर खाद तैयार की जाती है. वहीं, एंथुरियम के पौधों पर कीट भी बहुत अटैक करते हैं. इसलिए कीटों के हमले से बचाने के लिए पॉलीहाउस के अंदर हर हफ्ते कीटनाशक का छिड़काव करें. एंथुरियम के पौधों में पूरे साल फूल खिलते हैं.
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