क्रॉप कवर विधि से ताइवानी तरबूज व खरबूज की खेती कर रहे क‍िसान, म‍िल रहा दोगुना मुनाफा

क्रॉप कवर विधि से ताइवानी तरबूज व खरबूज की खेती कर रहे क‍िसान, म‍िल रहा दोगुना मुनाफा

ताइवानी तरबूज व खरबूजे की खेती किसानों के लिए काफी फायदे का सौदा बन रही है. ब‍िहार के कई क‍िसान जनवरी के महीने में क्रॉप कवर व‍िध‍ि से इसकी खेती कर रहे हैं. ज‍िसमें दोगुने से अध‍िक का लाभ म‍िल रहा है.

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क्रॉप कवर विधि से ताइवानी तरबूज व खरबूज की खेती कर रहे क‍िसान, म‍िल रहा दोगुना मुनाफा ताइवानी खरबूजा

सीजन के अनुसार खेती सभी करते हैं. लेकिन, आप सीजन से पहले खेती करके प्रति एकड़ 4 लाख रुपए से अधिक की कमाई करना चाहते हैं. तो आप विदेशी फल ताइवानी तरबूज व खरबूजा की खेती कर सकते हैं. इससे ढाई से तीन महीने के बाद अच्छी कमाई करना शुरू कर सकते हैं. इसकी  खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है. साथ ही अगर आप सीजन से पहले खेती करते हैं. तो उसे बाजार में दो से तीन गुना अधिक मूल्य पर बेच सकते हैं. प्रगतिशील किसान मुन्ना सिंह बताते हैं कि वह पिछले तीन सालों से ताइवानी तरबूज व खरबूजा की खेती कर रहे हैं. वे इस साल जनवरी के शुरुआत में ही खेती कर रहे हैं. तरबूज व खरबूज की खेती फरवरी महीने में की जाती है. लेकिन, मुन्ना सिंह सीजन से एक महीने पहले कड़ाके की ठंड में ताइवानी तरबूज व खरबूज की खेती क्रॉप कवर विधि से करके समय से पहले हार्वेस्टिंग करने की तैयारी में हैं. इनके साथ अन्य भी किसान इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं.

बता दें कि तरबूज व खरबूजा की खेती जनवरी के अंतिम महीने या फरवरी महीने के शुरुआत में की जाती है. लेकिन, अब कई किसान समय से पहले खेती करने की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं ताइवानी फल तरबूज व खरबूजा लम्बे समय तक खराब नहीं होता है और  शहर के बाजारों में 60 से 70 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकता है.

जनवरी के शुरुआत में मल्चिंग एवं क्रॉप कवर विधि से करें खेती

मुन्ना सिंह अपने अनुभव के अनुसार कहते हैं कि अगर कोई किसान जनवरी महीने में ताइवानी तरबूज व खरबूज की खेती करना चाहते हैं. तो सबसे पहले तीन फीट चौड़ा व जमीन से आधा फिट ऊंचा बेड तैयार करना चाहिए और एक बेड से दूसरे बेड की दूरी डेढ़ से दो फीट रखनी चाहिए. वहीं एक पौधे से दूसरे पौधे की रोपाई के बीच की दूरी सवा फिट से डेढ़ फीट होनी चाहिए. वहीं मल्चिंग कवर करने के तीन चार दिन पहले सभी पौधे में दवा का छिड़काव कर देना चाहिए, जिससे की पौधे में गर्मी बना रहे. और ठंड के मौसम में कोई नुकसान नहीं पहुंचे. उसके बाद पौधों के ऊपर क्रॉप कवर कर देना चाहिए और वहीं जब फरवरी के दौरान रात का तापमान 20 डिग्री हो जाए तो क्रॉप कवर को हटा देना चाहिए.

क्रॉप कवर किया हुआ ताइवानी तरबूज व खरबूजा के खेत
क्रॉप कवर किया हुआ ताइवानी तरबूज व खरबूजा के खेत

एक एकड़ में क्रॉप कवर में कितना लग जाता है खर्च

प्रगतिशील किसान मुन्ना सिंह कहते हैं कि एक एकड़ में करीब 6 से 7 हजार तक पौधे लगते हैं. क्रॉप कवर करने के दौरान प्लास्टिक, स्टिक व रस्सी का उपयोग किया जाता है. वहीं एक एकड़ में करीब 800 प्लास्टिक के स्टिक लगते हैं और प्रति स्टिक 22 से 25 रुपए के बीच पड़ता है. इसके साथ पौधों को ढकने के लिए एक एकड़ में 6 बंडल प्लास्टिक लगता है और एक बंडल 400 मीटर लंबा होता है. वहीं बाजार में इसकी कीमत 5700 से लेकर 6000 रुपए तक होता है. इस की सिंचाई ड्रिप इरिगेशन से किया जाता है.

मल्चिंग विधि से ताइवानी तरबूज व खरबूजा के खेत
मल्चिंग विधि से ताइवानी तरबूज व खरबूजा के खेत

सीजन से पहले खेती करने से होगा डबल से ट्रिपल का मुनाफा

 ताइवानी तरबूज व खरबूजा की खेती कर रहे कैमूर जिले के एक अन्य किसान डिंपल सिंह कहते हैं कि अगर वे सीजन से पहले खेती करते हैं तो उनके फसल का दाम दोगुना मिलेगा.जो सीजन में 20 से 30 रुपए किलो बिकता है. वह मार्च के मध्य तक 60 से 70 रुपए प्रति किलो बिकता.  वहीं मुन्ना सिंह कहते हैं कि एक एकड़ में सीजन के दौरान हार्वेस्टिंग करने तक एक लाख रुपए तक खर्च आता है. जबकि क्रॉप कवर विधि से खेती करने में एक से सवा लाख रुपए खर्च आएगा.लेकिन दाम भी आपको डबल से ट्रिपल मिलेगा. वहीं प्रति एकड़ उत्पादन डेढ़ सौ क्विंटल के आसपास होता है और मुनाफा तीन से चार लाख रुपए तक होता है.

ताइवानी खरबूजा
ताइवानी खरबूजा

कैसा दिखता है ताइवानी तरबूज व खरबूजा

तरबूज की तीसरी वैराइटी ताइवानी तरबूज है. इसके कई वैरायटी होते हैं, जिनमें एक तरबूज आम की तरह पीला होता है. वहीं दूसरा डार्क ग्रीन होता.और जो अंदर में लाल होता है. ये दिखने  में बेहद खूबसूरत भी होते हैं. वहीं खरबूजा पीला एवं हल्का पीला होते हैं. बाजार में ये अन्य तरबूज व खरबूजा की तुलना में अधिक महंगा होता है.

 

 

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