उत्तर प्रदेश से अब आम का जलमार्ग से एक्सपोर्ट होगा. जिसका फायदा किसानों को हाेगा. मसलन, जल मार्ग से आम एक्सपोर्ट करने पर कम लागत में अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित केन्द्रीय उपोषण बागवानी संस्थान के नेतृत्व में आम के एक्सपोर्ट यानी निर्यात को बढ़ाने के लिये क्रेता-विक्रेता गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें भारी संख्या मे निर्यातकों, किसानों,वैज्ञानिको और उद्यमियों ने भाग लिया. केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान के निदेशक डा. टी दामोदरन ने संबोधन में कहा कि संस्थान आम को जलमार्ग द्वारा निर्यात करने के लिये एक स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोटोकॉल विकसित कर किसानों को देगा. साथ ही तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा. इससे प्रदेश से आम के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा. उत्तर प्रदेश से इस बार अरब जापान जर्मनी न्यूजीलैंड और रशिया को 1000 टन से ज्यादा आम के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में प्रदेश सरकार की तैयारी भी शुरू हो चुकी है.
लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में आम के निर्यात को बढ़ाने के लिए आयोजित हुए क्रेता-विक्रेता गोष्ठी में लक्ष्य फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अध्यक्ष यतिंदर सिंह ने बताया कि वे हरदोई से चौसा को रशिया निर्यात कर रहे है, लेकिन वायुयान से आम निर्यात करने पर मुनाफ़ा कम हो जाता है. टफारी फार्मस के अतुल अवसथी पहले अमेरिका में आम का निर्यात कर चुके हैं, लेकिन उन्नाव स्थित इररैडियेशन सुविधा के बंद होने के कारण अब अमेरिका आम निर्यात मुश्किल हो रहा है. मैंगो पैक हाउस के कैप्टन अकरम बेग ने सीआईएसएच के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे संस्थान की तकनीकी द्वारा 10 कंटेनर आम ओमान और दुबई भेजेंगे. बड़ी संख्या में आम उत्पादक संस्थान की तकनीक को अपना चुके हैं, जो निर्यात हेतु गुणवत्ता युक्त आम उत्पादन के लिये आवश्यक है.
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक डा विश्व बंधू पटेल ने कहा कि उत्तर भारत से आम का निर्यात बेहद कम होता है, जबकि महाराष्ट्र से सर्वाधिक निर्यात होता है. इसके लिये तकनीक, इन्फ़्रास्ट्रक्चर और लाजिसटिक तीनों का समन्वय आवश्यक है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा आरके पाल (FASSAI में फल एवं सब्ज़ियों के अध्यक्ष) ने बताया कि समुद्र मार्ग से निर्यात के लिये तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता को बनाये रखना बेहद आवश्यक होता है. डा बीके पांडेय पूर्व सहायक महानिदेशक आईसीएआर (ICAR) ने अपना अनुभव बताते हुये कहा कि वे संस्थान की तकनीक द्वारा आम का निर्यात दुबई करवा चुके है. तकनीक में कोइ कमी नहीं है. सभी विशेषज्ञों ने मैंगो पैक हाउस जा कर निर्यात की तैयारियों का जायजा लिया.
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