Waste Management : यूपी सरकार पहले से दोगुना करेगी कचरा प्रबंधन की क्षमता को

Waste Management : यूपी सरकार पहले से दोगुना करेगी कचरा प्रबंधन की क्षमता को

यूपी सरकार ने Waste To Best मुहिम के तहत कचरा प्रबंधन का दायरा बढ़ाने की पहल की है. राज्य की योगी सरकार कचरा प्रबंधन की क्षमता को दोगुना करेगी. सरकार ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में अब प्रतिदिन 12,862 टन कचरे का निस्तारण करने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने Solid Waste Management क्षमता को बढ़ाया है.

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Waste Management : यूपी सरकार पहले से दोगुना करेगी कचरा प्रबंधन की क्षमता को यूपी सरकार ने कचरा प्रबंधन क्षमता में किया इजाफा (सांकेतिक फोटो)

देश को कचरा मुक्त करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है. यूपी ने इस दिशा में केंद्र सरकार का साथ देते हुए प्रदेश में कूड़ा प्रबंधन की क्षमता को दोगुना करने की तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि योगी सरकार अब बढ़ी हुई क्षमता के साथ प्रतिदिन 12,862 टन कचरे का निस्तारण कर इसका शोधन करेगी. शहरी विकास विभाग ने इसके लिए अतिरिक्त ठोस कचरा प्रबंधन की क्षमता को बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है. राज्य में Waste Processing Canter का दायरा बढ़ाया गया है. साथ ही, Processed Waste से सरकार लखनऊ, आगरा और गोरखपुर सहित अन्य शहरों में सड़कें और पार्क भी बना रही है.

ये है मौजूदा कचरा प्रबंधन क्षमता

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार यूपी में फिलहाल 15 हजार टन ठोस कचरे को प्रतिदिन प्रोसेस किया जाता है. यूपी के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि बढ़ते शहरीकरण के साथ ही Solid and Liquid Waste Management पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.

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इसके मद्देनजर शहरी विकास विभाग ने राज्य में कूड़ा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की तैयारी कर ली है. शर्मा ने कहा कि अभी यूपी में प्रतिदिन 20 हजार टन कूड़ा निकलता है. उन्होंने कहा कि इस कचरे को प्रोसेस करने की मौजूदा क्षमता में 12,862 टन प्रतिदिन की दर से इजाफा किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन क्षमता में लगभग दोगुना इजाफा होने के बाद राज्य में Waste Management System में गुणात्मक सुधार होगा. उन्होंने कहा कि यूपी में कचरा प्रोसेस करने वाले 933 एमआरएफ सेंटर अभी बनाए गए हैं. इनमें से 711 कार्यरत सेंटर हैं. इन केंद्रों में सूखे और गीले कचरे को अलग कर सॉलिड वेस्ट को प्रोसेस किया जाता है. कूड़ा प्रबंधन संयंत्रों में Hazardous और Non Hazardous कचरे को भी अलग करके प्रोसेस किया जाता है.

कचरे से बनेंगी सड़कें

शर्मा ने बताया कि कूड़ा प्रबंधन के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में यूपी बेहतर स्थिति में है. इसके अलावा प्रदेश के नगरों की Air Quality भी देश के तमाम शहरों से बहुत अच्छी है. उन्होंने कहा कि यूपी में कचरा प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण 'यूपी दर्शन पार्क' बन कर उभरा है. सरकार कचरे को प्रोसेस करके सड़कों और पार्कों का निर्माण कर रही है.

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लखनऊ में न्यू हाईकोर्ट और पुलिस मुख्यालय के पास की सड़क को शोधित कचरे से ही बनाया गया है. पूरे प्रदेश में कूड़े को प्रतिदिन घरों से उठाकर MRF Canter में ले जाकर प्रोसेस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि Processed Material का तीन प्रकार से उपयोग होता है. इसमें Private Vendor को प्लास्टिक कचरे से Reusable Material देना होता है. इसका उपयोग सड़कें बनाने और Waste To Wonder Park बनाने में किया जाता है.

इसके फलस्वरूप ही लखनऊ में पांच एकड़ में वेस्ट टू वंडर पार्क के रूप में 'यूपी दर्शन पार्क' का निर्माण हुआ है. यह पार्क कूड़े के प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण है. इसके अलावा आगरा, गोरखपुर और मिर्जापुर सहित अन्य नगरों में वेस्ट टू वंडर पार्क के तहत Happiness Park बनाए गए हैं.

 

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