CISH: केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रौद्योगिकी पार्क का ICAR के महानिदेशक ने की शुरुआत

CISH: केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रौद्योगिकी पार्क का ICAR के महानिदेशक ने की शुरुआत

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के महानिदेशक एवं भारत सरकार के सचिव कृषि शोध एवं शिक्षा डॉ हिमांशु पाठक ने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के रेहमानखेड़ा और तेलीबाग परिसर का दौरा किया. उन्होंने बताया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने संस्थानों के माध्यम से कृषि स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता परक शिक्षा देने के क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है

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CISH: केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रौद्योगिकी पार्क का ICAR के महानिदेशक ने की शुरुआत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के महानिदेशक हिमांशु पाठक का लखनऊ दौरा

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के महानिदेशक एवं भारत सरकार के सचिव कृषि शोध एवं शिक्षा डॉ हिमांशु पाठक ने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के रेहमानखेड़ा और तेलीबाग परिसर का दौरा किया. उन्होंने बताया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने संस्थानों के माध्यम से कृषि स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता परक शिक्षा देने के क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है. शीघ्र ही लखनऊ को भी शिक्षा का केंद्र बनाया जाएगा जिससे यहां के शोध और वैज्ञानिकों के अनुभव का लाभ विद्यार्थियों को मिल सके.

डॉ हिमांशु पाठक ने तेलीबाग स्थित परिसर में प्रौद्योगिकी पार्क का उद्घाटन किया और आम की अरुणिका  प्रजाति एवं आम के लवण प्रतिरोधी मूलवृंत सागरिका के पौधों का रोपण भी किया.

प्राकृतिक विधि से हो रही बागवानी को DG (ICAR) ने सराहा

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने प्राकृतिक कृषि आधारित तेलीबाग परिसर का निरीक्षण किया. उन्होंने परिसर में चल रहे शोध कार्यों की जानकारी भी ली. इस दौरान डॉ सुशील कुमार शुक्ल ने प्राकृतिक कृषि संबंधी शोध प्रयोगों के परिणाम की जानकारी भी उन्हें दी.

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डॉ शुक्ला ने बताया कि प्राकृतिक कृषि की अपेक्षा समेकित जैव प्राकृतिक कृषि बेहतर परिणाम दे रही है क्योंकि इसमें प्राकृतिक कृषि के साथ साथ विभिन्न बायो एजेंट, छत्र प्रबंधन, कीट प्रबंधन की रसायन विहीन विधियों का प्रयोग किया जा रहा है. अभी शोध जारी है. भविष्य में पर्याप्त शोध के बाद ही बेहतरीन निष्कर्ष निकाला जा सकेगा. एशिया के महानिदेशक ने संस्थान की बायो एजेंट प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया. प्रयोगशाला में  फ्यूजिकान्ट, बवेरिया बेसियाना आदि बायोएजेंट का उत्पादन किया जा रहा है.

किसान-वैज्ञानिक सहभागी परिचर्चा में हुए शामिल

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक किसान के साथ वैज्ञानिक सहभागी परिचर्चा में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. स्टार्टअप और इंकुबेटी के माध्यम से विभिन्न प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण की भी सराहना की. संस्थान के इंकुबेटी मिर्जा अकरम बेग को प्रमाण पत्र देते हुए मुख्य अतिथि ने आम के निर्यात संबंधी किसान की समस्याओं को दूर करने में सहयोग देने का वादा किया. लखनऊ के माल, मलिहाबाद, काकोरी ,सीतापुर क्षेत्रों में जियो टैग आम का निर्यात करने की दिशा में भी सहयोग करने की बात कही.
 



वही इस दौरान मिर्जा अकरम बेग ने बताया कि इस वर्ष संस्थान की  प्रौद्योगिकी का लाभ लेकर और किसानों के साथ मिलकर समुद्री मार्ग द्वारा आम के निर्यात की विस्तृत योजना पर यह काम कर रहे हैं जो कि इस तरह का पहला प्रयास होगा. आम उत्पादक संघ के उपेंद्र सिंह ने मलिहाबाद क्षेत्र के लिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक पल्पिंग यूनिट की आवश्यकता पर जोर दिया.

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