महाकुंभ 2025 में ओडीओपी प्रदर्शनी में गाजियाबाद की इंजीनियरिंग कंपनी का एक अनोखा उत्पाद लोगों का ध्यान खींच रहा है. पैरों से चलने वाली यह आटा चक्की, न केवल ताजा आटा तैयार करती है, बल्कि इसे इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति व्यायाम कर फिट भी रह सकता है. श्रद्धालुओं के लिए यह मशीन मुफ्त में आटे की पिसाई कर रही है. मीडिया सेंटर के पास लगी इस प्रदर्शनी में लोग बड़ी संख्या में इस अनोखी चक्की को देखने और इस्तेमाल करने आ रहे हैं. मशीन केवल 20 मिनट में 1 किलो गेहूं, मक्का, ज्वार या बाजरा का महीन आटा तैयार कर देती है.
इसे घर में एक छोटे जिम की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. मशीन को चलाने के लिए व्यक्ति को पैडल मारने की जरूरत होती है, जिससे शरीर की कसरत भी हो जाती है. गाजियाबाद की कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया, "यह मशीन खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है, जिन्हें जिम या योगा के लिए समय नहीं मिलता. महिलाएं इसे घर पर आसानी से चला सकती हैं और ताजा आटे की रोटियां भी बना सकती हैं."
मशीन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जब भी व्यक्ति पैडल मारता है, मशीन में डाला गया कच्चा अनाज पीसकर बाहर आटे के रूप में निकलता है. यह साइकिल जैसी दिखने वाली मशीन बिजली से चलने वाली चक्की का विकल्प है और पर्यावरण के अनुकूल है.
ओडीओपी (ODOP) प्रदर्शनी में यह मशीन लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. श्रद्धालु इसे देखकर न केवल उत्साहित हैं, बल्कि इसे अपने घर में लगाने की योजना भी बना रहे हैं. मशीन की सरलता और उपयोगिता इसे बाकी प्रदर्शनी के उत्पादों से अलग बना रही है.
गाजियाबाद की इस अनोखी आटा चक्की ने महाकुंभ 2025 में नवाचार और परंपरा के समन्वय का एक नया उदाहरण पेश किया है. बता दें कि तीर्थराज प्रयागराज में संगम तट पर सनातन आस्था और संस्कृति के महापर्व महाकुंभ जारी है. प्रयागराज का महाकुंभ में देश के कोने-कोने से अलग-अलग भाषा, जाति, पंथ, संप्रदाय के लाखों लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं.
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