बेहद कारगर है मूंगफली फोड़ने की यह देसी मशीन, 2400 रुपये में हो जाती है तैयार

बेहद कारगर है मूंगफली फोड़ने की यह देसी मशीन, 2400 रुपये में हो जाती है तैयार

खेती-बाड़ी और कृषि कार्यों को आसान बनाने के लिए कई तरह के कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाने लगा है. जिससे ना सिर्फ किसानों का समय बचता है. बल्कि पैसों की भी बचत होती है. ग्रामीण महिलाओं के द्वारा मूंगफली फोड़ने और इस काम को आसान बनाने के लिए एक यंत्र बनाया गया है. इस मशीन को आसानी से हाथों से चलाया जा सकता है.

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बेहद कारगर है मूंगफली फोड़ने की यह देसी मशीन, 2400 रुपये में हो जाती है तैयार peanut cracking machine

ठंड के मौसम में ज्यादातर लोगों को मूंगफली बहुत पसंद होती है. जिस वजह से इसकी खेती भी भारत के कई राज्यों में की जाती है. अगर आप भी किसान हैं तो मूंगफली की खेती कर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. मूंगफली का इस्तेमाल कई चीजों में किया जाता है. जिस वजह से इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. हालांकि मूंगफली फोड़ने में कई समस्या आती है. जिस वजह से लोग इसे खाने या भी इस्तेमाल करने से बचते हैं. ऐसे में मूंगफली फोड़ने की यह देसी मशीन बेहद कारगर है. इसे तैयार करने में भी बहुत कम खर्चा आता है. 

क्या है मूंगफली फोड़ने की मशीन

खेती-बाड़ी और कृषि कार्यों को आसान बनाने के लिए कई तरह के कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाने लगा है. जिससे ना सिर्फ किसानों का समय बचता है. बल्कि पैसों की भी बचत होती है. ग्रामीण महिलाओं के द्वारा मूंगफली फोड़ने और इस काम को आसान बनाने के लिए एक यंत्र बनाया गया है. इस मशीन को आसानी से हाथों से चलाया जा सकता है. इस उपकरण का इस्तेमाल फली को फोड़ने और दाने को अलग करने के लिए किया जाता है. इस मशीन को बैठकर भी आसानी से महिलाओं के द्वारा चलाया जा सकता है. इस यंत्र में एक फ्रेम हैण्डिल और छलनी होती है. जिसमें आयताकार छेद होते है. एक बार में 1.5 से 2 किलो फली फोड़ने के लिए इसमें डाली जाती है. वहीं इस मशीन को बनाने या फिर खरीदने में 2400 रुपये तक का खर्चा आता है. 

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इन राज्यों में होती है मूंगफली की खेती

मूंगफली की खेती देश के कई राज्यों में की जाती है. जिसमें इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में की जाती है. मूंगफली की फसल के लिए खेत की तीन से चार बार जुताई करें. इसके बाद मिट्टी को समतल करें और फिर समतल करने के बाद खेत में आवश्यकतानुसार जैविक खाद, उर्वरक और पोषक तत्वों का प्रयोग करें. जिससे हमें अच्छी पैदावार मिल सके. खेत की तैयारी के बाद मूंगफली की बुआई के लिए बीज तैयार करना चाहिए. ताकि फसल में रोग और कीट न पनप सकें. बुआई के लिए उन्नत किस्मों एवं बीजों का प्रयोग करें. इससे फसल में रोग लगने की संभावना कम हो जाती है. बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 60 से 70 किलोग्राम बीज दर का प्रयोग करें.

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