शकरकंद की खेती है फायदे का सौदा, घर बैठे खरीदें बेस्ट किस्म की बेल

शकरकंद की खेती है फायदे का सौदा, घर बैठे खरीदें बेस्ट किस्म की बेल

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation)  किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शकरकंद की उन्नत किस्म श्रीभद्र की बेल बेच रहा है. इस बेल को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे.

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शकरकंद की खेती है फायदे का सौदा, घर बैठे खरीदें बेस्ट किस्म की बेलशकरकंद की खेती

शकरकंद बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों के लिए सरकार सस्ती कीमत में बीज यानी बेल उपलब्ध करा रही है. आमतौर पर शकरकंद की अच्छी उपज के लिए बुवाई का बेहतर समय जून-अगस्त के बीच रहता है. लेकिन इसे किसी भी समय में बोया जा सकता है. ऐसे में शकरकंद की ज्यादा पैदावार के लिए उसकी बेल का बेस्ट क्वालिटी का होना जरूरी है. ऐसे में अगर आप भी शकरकंद की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी के बेल मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से इसके बेल ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.

श्रीभद्र किस्म की खासियत

यह शकरकंद की अधिक उपज देने वाली किस्म है. यह एक छोटी अवधि में पैदा होने वाली किस्म है. ये किस्म 90 से 105 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी चौड़ी पत्तियां होती हैं. वहीं इसके कंद आकार में छोटे और गुलाबी होते हैं. इस कंद में 33 फीसदी शुष्क पदार्थ, 20 फीसदी स्टार्च और 2.9 फीसदी चीनी होती है.

यहां से खरीद सकते हैं बेल  

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation)  किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शकरकंद की उन्नत किस्म श्रीभद्र की बेल बेच रहा है. इस बेल को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.

बेल की कितनी है कीमत

अगर आप भी शकरकंद की उन्नत किस्म श्रीभद्र की खेती करना चाहते हैं, तो इसके 500 ग्राम के पैकेट के बीज फिलहाल 35 फीसदी की छूट के साथ 1562 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से शकरकंद की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.

कैसे करें शकरकंद की खेती

शकरकंद की फसल के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद खेत को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें, ताकि उसमें मौजूद पुराने फसल अवशेष, खरपतवार और कीट नष्ट हो जाएं. इसके बाद 170 से 200 क्विंटल सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालकर दो से तीन बार खेत की जुताई करें. अंतिम जुताई रोटावेटर से करके खेत की मिट्टी को भुरभुरा और हवादार बना लें. उसके बाद शकरकंद के बेल की बुवाई करें. साथ ही इसकी बुवाई आप अपने बगीचे में भी कर सकते हैं.

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