मौजूदा वक्त में एग्रीटेक स्टार्टअप कंपनियां किसानों के लिए बहुत सारी स्मार्ट कृषि तकनीक तैयार कर रही हैं. खासतौर से ये तकनीक लघु और सीमांत किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही हैं. आवारा पशु किसानों की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. कभी-कभी तो किसानों की पूरी फसल को चट कर जाते हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान होता है. किसानों की इन्हीं समस्याओं के मद्द्नेजर कोच्चि स्थित एग्री-टेक स्टार्टअप कंपनी ‘फ्यूजलेज इनोवेशन’ ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जोकि पशुओं के खेत में पहुंचते ही ऐसी ध्वनि उत्पन्न करेगी जिससे पशु खेत से दूर भाग जाएं. जानते हैं ‘फ्यूजलेज इनोवेशन’ कंपनी की तकनीक की विशेषताएं क्या हैं और यह कैसे काम करती है-
आवारा या छुट्टा पशुओं से किसानों की फसलों को बचाने के लिए एग्री-टेक स्टार्टअप कंपनी ‘फ्यूज़लेज इनोवेशन’, तकनीक के रूप में एक इनोवेटिव समाधान लेकर आई है. इस तकनीक में अलार्म के रूप में ध्वनि और संकेत उत्पन्न करके जानवरों को डायवर्ट करने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइस और ड्रोन को लगाया गया है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, फ्यूज़लेज इनोवेशंस के संस्थापक देवन चंद्रशेखरन ने कहा कि डिवाइस - एआई कैमरों की मदद से - जानवर की पहचान करेगी और संबंधित रिपेलर ध्वनि उत्पन्न करेगा और फसलों को नष्ट करने से पहले उन्हें डरा देगा.
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उदाहरण के लिए, मधुमक्खियों का शोर हाथियों को डरा सकता है. उन्होंने कहा कि जानवरों की एक से अधिक प्रजातियों का पता लगाने के साथ, डिवाइस जानवरों की पहचान करेगा और समय के एक विशिष्ट अंतराल के भीतर वैकल्पिक रूप से ध्वनि उत्पन्न करेगा.
उन्होंने कहा कि आटोमेटिक यूएवी को तैनात करने का एक विकल्प यह भी है कि अगर जानवर अपनी स्थिति से नहीं हिलता है तो ध्वनि और प्रकाश उत्पन्न करके पता लगाया जा सकता है.
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कृषि ड्रोन के अलावा, कंपनी लाभकारी खेती सुनिश्चित करने के लिए कृषि मशीनरी और अग्निशमन समाधान समेत कई तरह की यंत्र बनाती है. कंपनी ने अब तक विभिन्न खाद्य और नकदी फसलों में उपयोग के लिए दक्षिण भारत में 16 ड्रोन बेचे हैं. उन्होंने कहा, "हम सटीक खेती में लंबे समय तक चलने वाले समाधान प्रदान करने के लिए मुन्नार के पास वटवाडा में जनजातीय केंद्रों के साथ भी काम कर रहे हैं."
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