पंजाब में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इससे जुड़ी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू एकता उगराहां) ने हाल ही में आंदोलन की घोषणा की है. दरअसल, रविवार को आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करते हुए बीकेयू एकता उगराहां ने कहा कि पंजाब भर में 18 अप्रैल यानी आज दोपहर 12:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे. वहीं, बीकेयू एकता उगराहां के राज्य महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि 18 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन करने और रेलवे ट्रैक को जाम करने का निर्णय कौमी संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुसार लिया गया है, ताकि फसल खराब घोषित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर दबाव बनाया जा सके. साथ ही पंजाब में बारिश और ओलावृष्टि को "राष्ट्रीय आपदा" घोषित किया जाए. इसके अलावा, किसानों को पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी किया जाए.
कोकरी कलां ने कहा, “पंजाब में फसलें नष्ट हो गई हैं और इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि देश भर के राजनेता और सभी दलों के नेता किसानों को “अन्नदाता” कहते हैं और पंजाब से खाद्यान्न कई राज्यों में पहुंचाया जाता है और देशवासियों को खिलाया जाता है. यहां तक कि इसे दूसरे देशों में एक्सपोर्ट भी किया जाता है, तो इसे राष्ट्रीय आपदा क्यों नहीं घोषित किया जा सकता है.”
उन्होंने कहा कि वे "टूटे और बेरंग अनाज के बहाने एमएसपी पर मूल्य में कटौती के किसान विरोधी फैसले को तुरंत वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहते हैं". उन्होंने आगे कहा कि दूसरी मांग पंजाब सरकार से है कि "क्षतिग्रस्त फसलों और घरों के लिए पूरा मुआवजा दिया जाना चाहिए क्योंकि आप सरकार द्वारा घोषित 15,000 रुपये प्रति एकड़ का मामूली मुआवजा" कुछ भी नहीं था.
इसे भी पढ़ें- दालों के बढ़ते दाम को रोकने की कवायद तेज, कालाबाजारी करने वालों पर सख्त एक्शन के आदेश
उन्होंने आगे कहा, “महिलाओं सहित खेतिहर मजदूरों को तुरंत मुआवजा दिया जाना चाहिए. केवल पांच एकड़ तक प्रति एकड़ 15000 रुपये के मामूली मुआवजे का भुगतान करने के बेतुके किसान विरोधी फैसले को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और सरकार को एमएसपी में कटौती के बिना गेहूं और अन्य फसलों की बिना किसी रुकावट के खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए."
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के पहले चरण में संगठन ने 12, 13 और 14 अप्रैल को 15 प्रभावित जिलों में जिला/तहसील स्तर पर व्यापक विरोध प्रदर्शन कर इन मांगों को उपायुक्तों को सौंप दिया है. लेकिन चूंकि याचिका सरकार को स्थानांतरित करने में विफल रही है, इसलिए रेल ट्रैक को जाम करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा, “आम लोगों को होने वाली असुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकारें ही जिम्मेदार हैं. पूरा एमएसपी या पूर्ण मुआवजे से इनकार करके, इन सरकारों ने किसानों को रेलवे ट्रैक को जाम करने के लिए मजबूर किया है, जो पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे हैं.”
इसे भी पढ़ें- Weather Update Today: अगले 24 घंटों में इन 6 राज्यों में बारिश होने की आशंका, IMD ने जारी किया अलर्ट
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today