कृषि में ड्रोन इस्तेमाल नीति 2025 को राज्य सरकार ने मंजूरी दी, खेती की लागत घटाना और उपज बढ़ाना टारगेट 

कृषि में ड्रोन इस्तेमाल नीति 2025 को राज्य सरकार ने मंजूरी दी, खेती की लागत घटाना और उपज बढ़ाना टारगेट 

खेती में ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले कुछ किसानों ने पारंपरिक तरीकों की तुलना में फसल पैदावार में 15-20 फीसदी की बढ़त दर्ज की है. छिड़काव और निगरानी जैसी ड्रोन सेवाओं की गति और सटीकता ने मजदूरी लागत को भी कम कर दिया है.

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कृषि में ड्रोन इस्तेमाल नीति 2025 को राज्य सरकार ने मंजूरी दी, खेती की लागत घटाना और उपज बढ़ाना टारगेट मध्य प्रदेश सरकार ने ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दे दी है.

कृषि क्षेत्र में तेजी से तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है. मौजूदा समय में ड्रोन के इस्तेमाल ने सबसे ज्यादा तेजी पकड़ी है. ड्रोन के जरिए फसलों में कीटनाशक, उर्वरकों के छिड़काव के साथ ही मैपिंग और डायरेक्ट सीडिंग भी की जा रही है. ड्रोन के इस्तेमाल से समय के साथ ही लागत में बचत देखी जा रही है. राज्य के 81 लाख से ज्यादा किसानों को ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 (MP Drone Promotion and Usage Policy 2025) को मंजूरी दे दी है. 

कैबिनेट ने ड्रोन इस्तेमाल नीति 2025 मंजूर की 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी गी है. इस नीति को कृषि क्षेत्र में नई दिशा में क्रांतिकारी पहल बताया जा रहा है. राज्य सरकार के अनुसार ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से खेतों की सटीक स्थिति का मूल्यांकन हो सकेगा. इससे किसानों की लागत और समय में कटौती होगी तो वहीं फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने की बात कही गई है. 

ड्रोन इस्तेमाल से क्या फायदे होंगे 

मध्य प्रदेश कृषि विभाग ने कहा है कि ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति -2025 को मंजूरी मिलने से फसलों में बीमारी, कीट और पर्यावरणीय प्रभावों की पहचान करने में तेजी आएगी. रोग पहचान होने पर समाधान भी जल्दी होगी, जिससे उपज की क्वालिटी और क्वांटिटी पर फर्क नहीं पड़ेगा. 

  1. जल का कुशल उपयोग, जल संरक्षण में वृद्धि और सिंचाई लागत में कमी आएगी
  2. ड्रोन के इस्तेमाल से कृषि उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा
  3. किसानों को ड्रोन प्रौद्योगिकी से नई कृषि पद्धतियों का लाभ मिलेगा

ड्रोन के इस्तेमाल से 92 फीसदी पानी की बचत 

एग्रीटेक कंपनी मारुत ड्रोन (Marut Drones) के सीईओ और सह-संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावत ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल से खेती में नई क्रांति आ रही है. किसानों को ड्रोन सर्विस मॉडल के रूप में भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जबकि, ड्रोन के जरिए डायरेक्ट सीडेड राइस की बुवाई भी तेलंगाना और दूसरे राज्यों में की जा रही है. उन्होंने कहा कि इनोवेटिव ड्रोन तकनीक पानी के इस्तेमाल को 92 फीसदी तक कम कर सकती है. इससे जल कमी वाले क्षेत्रों के लिए एक खेती का यह तरीका गेमचेंजर साबित हो सकता है. 

ड्रोन से पैदावार में बढ़त का दावा 

प्रेम कुमार विस्लावत ने कहा कि तकनीक अपनाने वाले किसानों ने कृषि गतिविधियों में सुधार देखा है. उदाहरण के लिए मारूत ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले कुछ किसानों ने पारंपरिक तरीकों की तुलना में फसल की पैदावार में 15-20 फीसदी की बढ़त घोषित की है. छिड़काव और निगरानी जैसी ड्रोन सेवाओं की गति और सटीकता ने मजदूरी लागत को भी कम कर दिया है, क्योंकि जिन कार्यों के लिए पहले कई लोगों की जरूरत होती थी, अब एक ही ड्रोन संचालक पूरा काम कर रहा है. 

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