कोई भी किसान जब किसी मशीन पर अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई लगाता है तो वो उससे ज्यादा से ज्यादा पैसा वसूलना चाहता है. खेती के काम में किसान के लिए सबसे महंगी मशीन ट्रैक्टर ही होता है इसलिए ट्रैक्टर की देखरेख से लेकर इससे काम लेने में किसान भाई कोई कमी नहीं छोड़ते. मगर जब आप ट्रैक्टर लेते हैं तो जाहिर सी बात है एक वक्त पर इसे बेचना भी पड़ेगा और किसानों का बहुत बड़ा वर्ग सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेता है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप भी अपने ट्रैक्टर के साथ कुछ ऐसी गलतियां ना करें जिससे इसकी रीसेल वैल्यू कम हो और इसे बेचने पर आपको ट्रैक्टर का सही दाम ही ना मिले. इसलिए हम आपको ट्रैक्टर की रीसेल वैल्यू बढ़ाने की कुछ टिप्स दे रहे हैं.
ट्रैक्टर की रीसेल वैल्यू कई सारी चीजों पर निर्भर करती है. इसमें सबसे ऊपर तो की उम्र आती है, ट्रैक्टर जितने साल पुराना होगा इसका दाम उतना ही घटता जाएगा. अब बीतते हुए सालों पर तो आपका काबू रहेगा नहीं, इसलिए उन चीजों पर ध्यान दिया जा सकता है जिन्हें आप मेनटेन कर सकते हैं यानी ट्रैक्टर की कंडीशन. ट्रैक्टर की रीसेल वेल्यू इसकी कंडीशन, यानी कितना साफ सुथरा और कम पुराना दिख रहा है ये सबसे बड़ा प्वाइंट होता है.
इसके बाद ट्रैक्टर का इंजन भी इसकी रीसेल वैल्यू में सबसे अहम रोल निभाता है. इसके मीटर पर जितने हजार घंटे ज्यादा दिख रहे होंगे, ट्रैक्टर की रीसेल वैल्यू उतनी ही कम होती जाएगी. इसके साथ ही ट्रैक्टर का इंजन चलने में और परफॉर्मेंस में कैसा काम कर रहा है ये भी अहम चीज है. इसके अलावा आपके ट्रैक्टर के तमाम फीचर्स कितनी अच्छे से काम कर रहे हैं, इन सब चीजों पर भी इसकी रीसेल वैल्यू निर्भर करती है.
आपके ट्रैक्टर के इंश्योरेंस से लेकर दूसरे दस्तावेज या इसपर कितने चालान हैं, ये भी देखे जाते हैं. वहीं ट्रैक्टर का वर्तमान मालिक इसे कृषि में इस्तेमाल करता है या फिर ट्रैक्टर से भाड़े का काम करता है, ये सबसे बड़ी चीज है जो ट्रैक्टर की रीसेल वैल्यू कम या ज्यादा कर सकती है.
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