ड्रोन खरीदने के लिए किस किसान को कितनी मिलेगी सब्सिडी, इन 4 अलग-अलग कैटेगरी में जानिए

ड्रोन खरीदने के लिए किस किसान को कितनी मिलेगी सब्सिडी, इन 4 अलग-अलग कैटेगरी में जानिए

किसान अब ड्रोन की सहायता से खेती में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन ड्रोन खरीदना हर किसान के बस की बात नहीं है. जितने दाम में एक ट्रैक्टर मिलता है उतना ही ड्रोन का भी दाम है. इसलिए सरकार इसे खरीदने के लिए किसानों को छूट दे रही है.

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ड्रोन खरीदने के लिए किस किसान को कितनी मिलेगी सब्सिडी, इन 4 अलग-अलग कैटेगरी में जानिएजानिए ड्रोन खरीदने पर कितना मिलता है सब्सिडी

किसी किसान ने यह अंदाजा नहीं लगाया होगा कि ट्रैक्टर की तरह ही ड्रोन भी उसका साथी बन सकता है. आज एक तरफ जिस तरह से ड्रोन युद्ध के मैदान में सैनिकों के मदद कर रहा है उसी तरह से खेती के मैदान में भी इनका प्रयोग अब काफी बढ़ गया है. खासकर कीटनाशकों और लिक्विड उर्वरकों के छिड़काव के लिए. ड्रोन को आज खेती के सबसे आधुनिक हथियार के तौर पर गिना जा रहा है. किसान अब ड्रोन की सहायता से खेती में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन ड्रोन खरीदना हर किसान के बस की बात नहीं है. जितने दाम में एक ट्रैक्टर मिलता है उतना ही ड्रोन का भी दाम है. इसलिए सरकार इसे खरीदने के लिए किसानों को छूट दे रही है.

इस समय अलग-अलग क्षमता के ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख रुपये के बीच है. इतनी कीमत हर कोई नहीं दे सकता. इसलिए ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी की योजना चला रही है. पीएम किसान ड्रोने योजना के माध्यम से इसे खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी. योजना का मकसद आर्थिक सहायता देकर ड्रोन को बढ़ावा देना है. किसान अपने खेत में कीटनाशक और पोषक तत्वों का छिड़काव इसकी मदद से आसानी से कर सकेंगे.

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किसे मिलेगी कितनी छूट

  • लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को व्यक्तिगत कैटेगरी के लिए ड्रोन की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलने का प्रावधान है.
  • सामान्य वर्ग के किसानों एवं कस्टम हायरिंग केंद्र (CHC)  संचालकों के लिए एग्रीकल्चर ड्रोन की कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद का प्रावधान है.
  • किसान उत्पादक संगठन (FPO) के लिए ड्रोन की कीमत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 7.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
  • किसी मान्यता प्राप्त कृषि ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, आईसीएआर के संस्थानों या कृषि विज्ञान केंद्र को ड्रोन खरीदने पर 100 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. इसका मतलब उन्हें ड्रोन की पूरी कीमत मिलेगी.

एग्रीकल्चर ड्रोन के फायदे

खेती के जो काम पहले घंटों में होते थे वो अब कृषि ड्रोन से मिनटों में हो जाएंगे. कीटनाशकों, उर्वरकों का छिड़काव और  बीजों की बुवाई काफी आसान हो गई है. पहले जहां 2.30 घंटे में एक एकड़ में छिड़काव होता था वहीं अब यह काम सिर्फ 7 मिनट में हो पा रहा है. सिर्फ समय और पैसा नहीं बल्कि पानी की भी बचत हो रही है. ड्रोन में इस तरह का सिस्टम लग सकता है कि वो खेत में उसी जगह पर छिड़काव करे जहां फसल को जरूरत है. खेत के सर्वे के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है.

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