Happy Seeder: किसानों से लेकर पर्यावरण तक सबको है फायदा, पढ़ें पूरी डिटेल

Happy Seeder: किसानों से लेकर पर्यावरण तक सबको है फायदा, पढ़ें पूरी डिटेल

खेती-बाड़ी के साथ तकनीक का कनेक्शन कई मायनों में काफी फायदेमंद साबित हुआ है. इसी का एक उदाहरण है Happy Seeder जैसी मशीन. इस मशीन की मदद से चावल के भूसे को काटकर सीधा गेहूं बुवाई हो जाती है और पराली जलाने की स्थिति ही पैदा नहीं होती.

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 क्या है Happy Seeder? किसानों से लेकर पर्यावरण तक सबको फायदा, पढ़ें पूरी डिटेलHappy Seeder

बढ़ते प्रदूषण के एक बड़े कारण के रूप में पराली की चर्चा बीते कई दिनों से चल रही है. कहा जा रहा है कि सर्दी के इस मौसम में प्रदूषण का बड़ा कारण किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली ही है. इसे लेकर किसानों के अपने कारण हैं और विशेषज्ञों के अपने तर्क. कोई पराली को ही समस्या बता रहा है तो कोई दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ते वाहनों के इस्तेमाल को प्रदूषण का अहम कारण मानता है. निजी वाहनों के कम इस्तेमाल पर आम जनता कितना ध्यान देगी ये तो भविष्य ही बताएगा लेकिन किसान पराली ना जलाएं इसे लेकर कई तरह के उपाय किए गए हैं. इन्हीं में से एक है हैप्पी सीडर. जानिए क्या है ये मशीन और कैसे इससे किसानों का काम आसान होने के साथ ही पराली जैसी समस्या से भी राहत मिलती है. 

 

क्या है हैप्पी सीडर (What is Happy Seeder)


पराली को खेतों से बिना निकाले गेहूं की सीधी बिजाई करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने जो समाधान निकाला है उसका नाम है- हैप्पी सीडर. हैप्पी सीडर मशीन पराली संभालने वाले रोटर और जीरो टिल ड्रिल का मिश्रण है. इसमें रोटर धान की पराली को दबाने का काम करता है व जीरो टिल ड्रिल गेहूं की बुवाई का काम करती है. इस मशीन में फ्लेल किस्म के ब्लेड लगे होते हैं, जो कि ड्रिल के बिजाई करने वाले फाले के सामने आने वाली पराली को काटकर पीछे की ओर धकेलते हैं. इससे मशीन के फालों में पराली नहीं फंसती और बीज को सही ढंग से बिखेरा जा सकता है. यह मशीन 45 हॉर्स पावर या इससे ज्यादा शक्ति के ट्रैक्टर के साथ चलाई जा सकती है, यह मशीन दिन में 6-8 एकड़ में बिजाई कर सकती है.   

आसान भाषा में समझें तो हैप्पी सीडर एक ट्रैक्टर-माउंटेड (tractor-mounted machine) मशीन है. ये चावल के भूसे को काटकर उठा लेती है और फिर गेहूं को सीधा उसी मिट्टी में बोती है.

 

हैप्पी सीडर से होती है लागत औऱ समय की बचत


हैप्पी सीडर से जुड़े फायदों को लेकर रिसर्च भी की गई हैं. इनमें सामने आया है कि हैप्पी सीडर से गेंहू की बुवाई (Wheat sowing) के लिए खेत तैयार करने की औसत लागत 6,225 रुपये प्रति हेक्टेयर है, जबकि अगर पारंपरिक तरीके से ऐसा किया जाए तो उसमें 7,288 रुपये प्रति हेक्टेयर खर्च होते हैं.

 

पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैप्पी सीडर


हैप्पी सीडर मशीन का इस्तेमाल करने पर किसानों को पराली के निपटान के बारे में नहीं सोचना पड़ता. ऐसे में पराली जलाने की वजह ही खत्म हो जाती है और इसका सीधा फायदा पर्यावरण और आम जन को भी होता है. 
 

हैप्पी सीडर के अन्य फायदे

 

  • इस तकनीक से बुवाई करने पर सिंचाई के पानी की भी बचत होती है.
  •  पराली को आग ना लगाने के कारण वातावरण की रक्षा तो होती ही है मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है
  •  इस मशीन से बुवाई करने पर गेहूं में खरपतवार कम होते हैं, इससे खरपतवार नाशकों का खर्च भी कम होता है.
  •  इस तकनीक की मदद से गेहूं की बुआई भी समय से की जा सकती है
  •  हैप्पी सीडर से कम खर्च में खेत की तैयारी की जा सकती है.

 

हैप्पी सीडर की कीमत


हैप्पी सीडर कई ब्रांड्स में उपलब्ध है. पंजाब, हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश तक कई कृषि उद्योग निर्माता इसके निर्माण में जुटे हैं. इसकी कीमत एक लाख रुपये शुरू होती है. 

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