मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री भवन में हीटवेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. हीटवेव यानी लू (Heat waves) के कारण होने वाली घटनाओं को लेकर तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने हीटवेव को लेकर विशेषतौर पर सतर्कता बरतने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हीटवेव के कारण होने वाली जनहानि हम स्वीकार नहीं कर सकते. इस तरह की जनहानि को कंपनसेशन देकर भरपाई नहीं की जा सकती. हमारे लिए एक-एक जनहानि हमारा व्यक्तिगत नुकसान है. इन घटनाओं में पूरा परिवार तबाह हो जाता है.
उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के हर जिले में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने होंगे, इसमें होने वाले व्यय की चिंता न करें. संवेदनशील क्षेत्रों में भी अर्ली वार्निंग सिस्टम (Early Warning System) लगाए जाएं, ताकि समय से लोगों को आने वाली आपदा से सूचित किया जा सके. प्रधान, ग्राम सेवक को जवाबदेह बनाया जाए तथा समय-समय पर जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में हीटवेव से जुड़े हाई रिस्क वाले जिलों में वज्रपात की भी समस्या अधिक होने के तथ्य का उल्लेख करते हुए कहा कि 3 घंटे पहले अलर्ट आ जाए तो संवेदनशील इलाकों में लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित किया जा सकेगा. इन इक्विप्मेंट्स व वार्निंग सिस्टम की स्थापना, संचालन व कवरेज से जुड़े पहलुओं की रेगुलर मॉनिटरिंग भी की जाए.
योगी ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में अभी से हीटवेव जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगी है, ऐसे में सभी विभागों को सतर्कता के साथ कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों व तहसील स्तर पर लोगों हीटवेव के कारण, बचाव व तैयारी से संबंधित तथ्यों को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से अवगत कराने के साथ ही प्रदेश के जंगलों को अग्निकांड से बचाने को महत्वपूर्ण बताया. सीएम योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी प्रकार के शरारती तत्व जंगलों में आगजनी की घटनाओं को अंजाम न दे सकें.
इसके लिए पेट्रोलिंग और तेज की जाए. उन्होंने वन विभाग और अग्निशमन विभाग को चिंगारी से लगने वाली आग से बचाव को लेकर सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि अग्निशमन विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. वहीं, वन विभाग को पंछियों, जंगली जीव-जंतुओं को पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. उन्होंने कहा कि वन विभाग के वन रक्षक व वन कर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए.
सीएम योगी ने कहा कि मीरजापुर, सोनभद्र तथा गाजीपुर जैसे इलाकों में आकाशीय बिजली की घटनाएं सर्वाधिक होती हैं, ऐसे में सभी रिस्क वाले जिलों में किसानों को वज्रपात से अलर्ट करना होगा जिससे जनहानि को रोका जा सके. मोबाइल पर एसएमएस तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए लोगों को घटना से पहले अवगत कराया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना विभाग के साथ समन्वय करते हुए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों में हीटवेव को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए. इसके लिए डिजिटल डिस्प्ले, होर्डिंग, बिलबोर्ड समेत विभिन्न माध्यमों का सहारा लिया जाए. विभिन्न विज्ञापनों में भी बचाव और तैयारियों के विषय में जागरूक किया जाना चाहिए. जनधन की हानि को रोकने के लिए यह आवश्यक है. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक्शन प्लान तैयार है. प्रदेश में पहले से हीटवेव को आपदा घोषित किया जा चुका है.
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