
केंद्र सरकार ने कृषि संबंधी आंकड़ों के लिए एक एकीकृत पोर्टल लॉन्च किया है. दावा किया गया कि यूपीएजी पोर्टल का इस्तेमाल भारत के कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली मुश्किल चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाएगा. लेकिन लॉन्च होने के बाद ही यह खुल नहीं रहा है. ऐसा लगता है कि कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने रस्म अदायगी कर दी. बहरहाल, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने पोर्टल लॉन्च करने के बाद कहा, इस पोर्टल से संबंधित पक्षों को सोच-विचार कर निर्णय लेने में मदद मिलेगी. डाटा की निष्पक्षता जितनी अधिक होगी, नीति निर्माण में गलत फैसलों की गुंजाइश उतनी ही कम होगी. जो स्थिर और पारदर्शी निर्णयों में बदल जाएगी.
रमेश चंद ने लोगों से कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में अपनी मानसिकता में बदलाव लाने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि डेटा में 1 डॉलर के निवेश से 32 डॉलर का प्रभाव उत्पन्न हुआ है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि पोर्टल को डेटा विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए. चंद ने कहा कि इस तरह की पहल का किया जाना, लंबे समय से लंबित था और इसमें एक छोटे पौधे से विशालकाय वृक्ष बनने की असीम संभावनाएं हैं.
पोर्टल का लक्ष्य सत्यापित आंकड़ों की कमी से संबंधित चुनौतियों को दूर करना है. सही आंकड़ों का अभाव नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए सोच-विचार कर फैसला लेना मुश्किल हो जाता है. साथ ही पोर्टल का लक्ष्य डेटा चुनौतियों से निपटना है. डेटा विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्रालय काम करेगा. मंत्रालय ने कहा, "पोर्टल कृषि से संबंधित लोगों को सशक्त बनाएगा, जिससे अधिक संवेदनशील और कुशल कृषि नीतियों का मार्ग मजबूत होगा." कृषि सचिव मनोज आहूजा ने दावा किया कि पोर्टल उपयोगकर्ताओं को को सही डेटा तक पहुंच बनाने में मदद करेगा.
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वर्तमान में, कृषि डेटा अनेक स्रोतों में बिखरा हुआ है और अक्सर अलग-अलग तरीके से इसे दिखाया जाता है. कृषि आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल का लक्ष्य इस डेटा को एक सही फॉर्मेट में लाना है. जिससे इसे उपयोगकर्ताओं के लिए आसानी से सुलभ और समझने योग्य बनया जा सके. सही और सटीक नीतिगत निर्णयों के लिए सही डेटा का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है. कृषि आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल यह सुनिश्चित करता है कि एगमार्कनेट जैसे स्रोतों से डेटा की समय-समय पर जांच की जाए, जिससे नीति निर्माताओं को कृषि संबंधित कीमतों पर सटीक जानकारी मिलती रहे.
किसी भी फसल के संबंध में व्यापक दृष्टिकोण बनाने के उद्देश्य से उत्पादन, व्यापार और कीमतों सहित कई बिंदुओं पर विचार करने की आवश्यकता होती है. कृषि आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल विभिन्न स्रोतों से डेटा एक साथ लेकर आएगा. जो कृषि से जुड़ी हुई वस्तुओं का पूरा मूल्यांकन प्रदान करेगा. हालांकि, यह बात अलग है कि पोर्टल न तो कल देर रात खुल रहा था न तो इस वक्त खुल रहा है. सवाल यह है कि क्या कृषि मंत्रालय का यह पोर्टल भी 'सरकारीकरण' का शिकार हो जाएगा.
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