केंद्र की सत्ता में आने से पहले 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था. इसके लिए सरकार लगातार फसल विविधीकरण यानी Crop Diversification पर जोर दे रही है. किसानों को बागवानी फसलों के अलावा गेहूं और धान जैसी पारंपरिक उपज के साथ दलहन और तिलहन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. यूपी सरकार का दावा है कि इस सूत्र को अपना कर राज्य के किसानों की Double Income हुई है. सीएम योगी ने लखनऊ में सीमैप द्वारा आयोजित "किसान मेला" का उद्घाटन करते हुए कहा कि परंपरागत खेती के अलावा कृषि विविधीकरण अपनाने से किसानों की आय दोगुनी हुई है.
सीएम योगी ने किसान मेला में कहा कि 2017 से पहले यूपी में Farmers suicide का मुद्दा सरकारों के लिए गंभीर चिंता का विषय था. पहले की सरकारों में किसान आत्महत्या करते थे और संसद के हर सत्र में यह मुद्दा उठता था. उन्होंने कहा कि 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद किसानों को गेहूं और धान के अलावा तिलहन और दलहन फसलें भी उपजाने के लिए प्रोत्साहित किया गया. फसल विविधीकरण के तहत सरकार ने यूपी के किसानों को Millets के अलावा औषधीय खेती और Horticulture से भी जोड़ा.
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उन्होंने कहा कि 2017 के पहले किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाना भी किसानों की बदहाली का प्रमुख कारण था. इससे पहले 2014 में देश की बागडोर संभालते ही पीएम मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया था. इसके लिए उन्होंने Soil Health Card, प्रधानमंत्री फसल बीमा (PMFBY), कृषि सिंचाई, किसान सम्मान निधि (PMKSY) जैसी कई योजनाएं शुरू की. साथ ही किसानों को Scientific Research and Innovation से जोड़ा. इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2018 से अन्नदाता किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना प्रारंभ हुआ.
सीएम योगी ने कहा कि आज यूपी ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के किसान भी पीएम मोदी के विजन के अनुरूप परंपरागत खेती के साथ कृषि विविधीकरण को अपना रहे हैं. इससे उनकी आय दोगुनी हुई है. यूपी में किसानों को जलवायु की अनुकूलता के मुताबिक औषधीय खेती और बागवानी से भी जोड़ा जा रहा है. सरकार किसानों के Herbal Products को प्रमोट कर रही है. इससे यूपी के किसान Market Chain का हिस्सा बन कर अब कारोबारी किसान के रूप में खुद को पेश कर रहे हैं. इससे उन्हें कृषि उत्पाद का कई गुना दाम मिल रहा है. यह अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन का एक बड़ा माध्यम बना है.
सीएम योगी ने कहा कि यूपी की जमीन बेहद उपजाऊ है. साथ ही यहां प्रचुर मात्रा में पानी की उपलब्धता है. उन्होंने कहा कि देश की 16 फीसदी आबादी यूपी में रहती है और यहां की 11 फीसदी जमीन कृषि योग्य होने के बावजूद 22 फीसदी से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन अकेले यूपी करता है. सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 89 कृषि विज्ञान केंद्र हैं, 4 राज्य कृषि विश्वविद्यालय हैं और पांचवां विश्वविद्यालय स्थापित होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि, बागवानी और आयुष से जुड़े ऐसे तमाम संस्थान प्रदेश में मौजूद हैं. उन्होंने सीमैप से राज्य सरकार के संस्थानों से संपर्क बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि इससे संस्थानों में Innovation and Research को बढ़ावा मिलेगा.
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सीएम योगी ने मेले में किसान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. साथ ही मेले में लगे तमाम स्टाल का अवलोकन करते समय उन्होंने किसानों से बातचीत भी की. मेले में देश के 15 राज्यों के 4 हजार से ज्यादा किसान शामिल हुए हैं.
इस दौरान सीमैप औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों के लिए एक Aroma Mission App भी लांच करेगा. यह ऐप किसानों और Aroma Industry के बीच सेतु का काम करेगा. इस मौके पर यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और सीएसआईआर सीमैप के महानिदेशक डॉ. एन कलाइसेल्वी भी मौजूद थे.
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