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अंगूर नहीं... टमाटर है ये, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी ने क‍िया है व‍िकसि‍त

अंगूर नहीं... टमाटर है ये, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी ने क‍िया है व‍िकसि‍त

वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार सब्जी के क्षेत्र में नए नए तरह के अनुसंधान किए जा रहे हैं जिससे कि किसानों को कम क्षेत्रफल और कम लागत में उन्नत किस्मों के माध्यम से ज्यादा कमाई हो सके. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के द्वारा अब तक 100 से ज्यादा नई किस्मों का विकास किया जा चुका है.

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चेरी टमाटर की नई क़िस्म चेरी टमाटर की नई क़िस्म

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के वैज्ञानिक लगातार सब्जी के क्षेत्र में नई-नई तरह की खोज कर रहे हैं, ज‍िसका उद्देश्य किसानों को सब्ज‍ियों की नई उन्नत किस्में उपलब्ध कराना है, ज‍िससे क‍िसान कम क्षेत्रफल और कम लागत में अध‍िक मुनाफा कमा सकें. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान अब तक 100 से ज्यादा नई किस्मों का विकास कर चुका है. इसी कड़ी में संस्थान के वैज्ञान‍िक अब टमाटर की एक ऐसी किस्म व‍िकस‍ित करने जा रहे हैं, जो देखने में बिल्कुल अंगूर की तरह लगती है. नारंगी और पीले रंग के इस चेरी टमाटर का सफल परीक्षण बीते तीन सालों से किया जा रहा है.

इस टमाटर में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुण भी हैं, जिस वजह से इसका सेवन करने से कई तरह की बीमारियों में लाभ पहुंचाता है. इस किस्म के विकसित होने से किसानों को कम लागत में अधिक उपज मिल सकेगी.

अंगूर की तरह दिखता है यह टमाटर

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में वरिष्ठ वैज्ञानिकों के द्वारा एक से बढ़कर एक शोध किए जा रहे हैं. संस्थान के ही प्रधान वैज्ञानिक डॉ नागेंद्र राय ने टमाटर के ऊपर शोध कार्य कई सालों से कर रहे हैं. अपने शोध कार्य के परिणाम स्वरूप उन्होंने चेरी टमाटर की एक खास किस्म को तैयार किया है. अब तक चेरी टमाटर गोल रूप में दिखाई देता था, लेकिन यह चेरी टमाटर अंगूर की तरह दिखता है. वहीं यह गोल नहीं बल्कि थोड़ा लंबा है.

संस्थान के वैज्ञान‍िक डॉ नागेंद्र राय ने किसान तक से बात करते हुए कहा कि इस टमाटर में कई एंटीऑक्सीडेंट हैं, जो हमारी सेहत को फायदा पहुंचाते हैं. इसमें एंथोसाइन भी पाया जाता है जिसके खूब फायदे हैं. इस चेरी टमाटर की लागत कम है, जबकि इसकी सेल्फ लाइफ ज्यादा है जिसके चलते इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है.

यह टमाटर सामान्य की अपेक्षा बाजार में 8 से 10 गुना दाम पर बिकता है. बाजार में चेरी टमाटर 100 से लेकर ₹200 प्रति किलो के दाम पर बेचा जा रहा है. हालांकि, उनके इस चेरी टमाटर की किस्म को अभी लांच नहीं किया गया है. जल्द ही इसे रिलीज किया जाएगा जिसके बाद किसान इसके बीज को लेकर अपने खेतों में उगा सकेंगे.

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दो रंगों में तैयार हो रही है टमाटर की यह किस्म

चेरी टमाटर की खास किस्म को विकसित कर रहे भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नागेंद्र राय ने बताया कि यह पीले और नारंगी रंग में तैयार किया जा रहा है. संस्थान के फार्म हाउस में इसका 3 सालों से सफल परीक्षण चल रहा है. जल्द ही इस वैरायटी को रिलीज किया जाएगा. नारंगी रंग का चेरी टमाटर नाशपाती के आकार में है जो काफी ज्यादा आकर्षक दिखाई देता है. इसके अलावा पीले रंग के टमाटर बिल्कुल अंगूर की तरह दिखता है यहां तक कि इसका स्वाद भी सामान्य टमाटर की अपेक्षा अलग है. इसे बच्चे भी बड़े चाव से खा सकते हैं.