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कारगर साबित हो रही सरकार की यह योजना, अब औंधे मुंह नहीं गिरेंगे आलू के भाव

कारगर साबित हो रही सरकार की यह योजना, अब औंधे मुंह नहीं गिरेंगे आलू के भाव

यूपी में आलू की उपज उम्मीद से ज्यादा होने पर किसानों के सामने पैदा हुए बिक्री और भंडारण के संकट से निपटने के लिए सरकार की सख्ती के कारण बाजार की स्थ‍िति में मामूली सुधार आया है. एक तरफ सरकार कोल्ड स्टोरेज में आलू के भंडारण को सख्ती से सुनिश्चित कर रही है. वहीं, दूसरी ओर आलू की सरकारी खरीद शुरू करने के बाद खुले बाजार में भी आलू का थोक भाव चढ़ने लगा है.

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यूपी के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फर्रूखाबाद में आलू का ट्रक नेपाल के लिए रवाना किया यूपी के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फर्रूखाबाद में आलू का ट्रक नेपाल के लिए रवाना किया

यूपी में इस साल आलू की बंपर उपज ने किसानों के सामने बिक्री और भंडारण की समस्या पैदा कर दी. इससे निपटने के लिए सरकार ने दोहरी रणनीति को अपनाते हुए कोल्ड स्टोरेज मालिकों के साथ सख्त तेवर अपनाए. साथ ही बाजार हस्तक्षेप योजना लागू कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आलू की सरकारी खरीद शुरू कर दी. इससे बाजार में आलू के थोक बाजार भाव भी बढ़ने लगे है. यूपी सरकार में आलू के भंडारण और मार्केटिंग की जिम्मेदारी उद्यान विभाग की है. यूपी के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि भंडारण की समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए उद्यान निदेशालय के अध‍िकारियों को मंडल स्तर पर कोल्ड स्टोरेज के निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाॅफेड) के माध्यम से आलू की सरकारी खरीद करने के अलावा यूपी से बाहर देश विदेश में आलू के निर्यात पर जोर दिया जा रहा है.

 उद्यान मंत्री ने बताया कि भंडारण में कोताही बरत रहे कोल्ड स्टोरेज संचालकों और विभागीय कर्मचारियों के साथ सख्ती बरतने के फलस्वरूप स्थि‍ति‍ अब नियंत्रण में है. इसी प्रकार खुले बाजार में अब अच्छी गुणवत्ता वाले आलू के दाम 950 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं.

सरकारी खरीद में नहीं आ रहे किसान

सरकार द्वारा गत सोमवार से हॉफेड और मंडी परिषद द्वारा शुरू किए गए क्रय केंद्रों के माध्यम से आलू की सरकारी खरीद प्रारंभ की गई है. इसके तहत आलू उत्पादक 17 जिलों में से पहले चरण में मैनपुरी, एटा, कासगंज, फर्रूखाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव और बरेली में खोले गए क्रय केंद्रों से किसानों के औसत गुणवत्ता के आलू की 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद शुरू हुई.

हॉफेड के प्रबंध निदेशक अंजनी श्रीवास्तव ने 'किसान तक' को बताया कि सरकार द्वारा आलू की सरकारी खरीद का मूल्य घोष‍ित करने के बाद थोक बाजार में प्रतिस्पर्धा शुरू हुई. इसका लाभ किसानों को आलू की थोक बाजार कीमत 650 रुपये प्रति क्विंटल से अधि‍क होने के रूप में मिला.

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श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को ही अच्छी गुणवत्ता का आलू 950 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर आलू की एक खेप मलेश‍िया भेजी गई है. इसी प्रकार स्थानीय थोक बाजार में भी अब आलू की कीमत 700 से 900 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. स्पष्ट है कि खुले बाजार में ज्यादा कीमत मिलने के कारण किसानों का रुख सरकारी खरीद की ओर नहीं है. श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार का मकसद सरकारी खरीद सुनिश्चित करने के बजाए किसान का लाभ सुनिश्चित करना है.

उद्यान निदेशालय करा रहा है भंडारण

उद्यान मंत्री सिंह ने बताया कि भंडारण की समस्या से निपटने के लिए विभाग द्वारा तीन दिन से आलू क्लस्टर जिलों में सख्त कार्रवाई करते हुए निरीक्षण अभि‍यान चलाया जा रहा है. इसमें उद्यान निदेशालय के अध‍िकारियों को मंडल स्तर पर तैनात किया गया है. इनमें खुद उद्यान निदेशक डा.आर के तोमर कानपुर मंडल में कार्रवाई कर रहे हैं.

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इसके अलाव अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बरेली, आगरा, अयोध्या, प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ और सहारनपुर मंडल में भेजा गया है. इन मंडलों में नामित अधिकारी कोल्ड स्टोरेेज में उत्पादकता के अनुसार किसानों के आलू भंडारण का कार्य सुनिश्चित कर रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत आलू भंडारण में 100 रुपये प्रति क्विंटल की धनराशि का अनुदान भी प्राप्त हो सके.

अब तक तीन अध‍िकारी नपे

उद्यान मंत्री ने लखनऊ, हरदोई और फर्रूखाबाद में कोल्ड स्टोरेज का आकस्मिक निरीक्षण किया. उन्होंने कोल्ड स्टोरेज पर तैनात उद्यान कार्मिकों से आलू भंडारण की जानकारी ली. हरदोई मे निरीक्षण के दौरान उद्यान निरीक्षक अंकित रस्तोगी को तैनाती स्थल पर उपस्थित न मिलने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. इसी प्रकार डॉ तोमर ने कानपुर में तैनात किए गए सहायक उद्यान निरीक्षक अनुज कुमार यादव अनुपस्थित मिलने और काम में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया. इससे पहले जनपद रायबरेली में कोल्ड स्टोरेज के औचक निरीक्षण के दौरान लापरवाही बरतने पर उद्यान विभाग के एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है.

देश विदेश में निर्यात पर जोर

हॉफेड के एमडी ने बताया कि आलू की सरकारी खरीद के लिए मूल्य घोष‍ित होने के बाद अन्य राज्यों और विदेशों से आलू की मांग बढ़ गई है. इसके फलस्वरूप खुले बाजार में आलू की कीमतों में उछाल आया है. हालांकि उन्होंने माना कि उन्नाव और बरेली में आलू की थोक कीमत अभी भी कम है. इन जिलों में आलू की गुणवत्ता बेहतर नहीं होना इसकी वजह बताई जा रही है.

उन्होंने बताया कि अन्य जिलाें से किसानों का बेहतर गुणवत्ता का आलू मलेश‍िया, श्रीलंका, नेपाल, दुबई और बहरीन भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि 11 मार्च से प्रतिदिन विभ‍िन्न राज्यों एवं पड़ोसी देशों से आलू की खरीद की मांग के मुताबिक आपूर्ति की जा रही है.