मोटे अनाजों में शुमार श्री अन्न की खेती यूपी के तमाम इलाकों में प्रमुखता से होती है. इसके मद्देनजर योगी सरकार की मिलेट्स पुनरुद्धार योजना में श्री अन्न की खेती और संवर्द्धन पर काम करने वाले किसानों को उद्यमी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसमें किसानों को Millets Processing Unit लगाने से लेकर Millets Mobile Van शुरू करने के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है. इसका मकसद किसानों को श्री अन्न के तेजी से उभरते बाजार की श्रृंखला से जोड़ना है. जिससे किसानों को मिलेट्स के तमाम उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के एवज में लाभकारी मूल्य मिल सके. गौरतलब है कि सरकार किसानों एवं उपभोक्ताओं को मिलेट्स के प्रति जागरूक करने के लिए भी बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है. इस मामले में सरकार के प्रयास किसानों के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं, क्योंकि योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है और सरकार की वेबसाइट खुलती ही नहीं है.
योगी सरकार ने मिलेट्स पुनरुद्धार योजना में किसानों, कृषि उत्पाद समूहों यानी FPO, स्वयं सहायता समूहों और उद्यमियों को श्री अन्न की खेती करने के साथ इनके उत्पाद बनाकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए तमाम तरह से प्रोत्साहन देना शुरू किया है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की ओर से जारी बयान के अनुसार इस योजना में मिलेट्स के बीजों का उत्पादन करने, Millets Processing and Packaging Unit लगाने, मिलेट्स मार्केटिंग केंद्र शुरू करने, मिलेट्स मोबाइल आउटलेट और मिलेट्स स्टोर शुरू करने के लिए अनुदान दिया जा रहा है. इसमें बाजरा, रागी, ज्वार, कुटकी, कुट्टू और रामदाना का कारोबार किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें, Millets की धूम, यूपी के इस स्टार्टअप को मिला अवॉर्ड, आप भी यहां से खरीद सकते हैं कई तरह के प्रोडक्ट्स
किसानों की समस्या यह है कि यूपी सरकार किसान कल्याण की तमाम योजनाएं शुरू करती है, लेकिन इनके आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया किसानों के लिए सिरदर्द बन जाती है. मिलेट्स पुनरुद्धार योजना हो या किसान कल्याण की अन्य योजनाओं की आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही कृषि विभाग की वेबसाइट खुलना बंद हो जाती है.
बुंदेलखंड में मिलेट्स की अपार संभावनाएं होने के कारण इस इलाके के किसान इस योजना के लाभार्थी बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं, मगर अधिकांश समय विभाग की वेबसाइट खुलती ही नहीं है. झांसी जिले के किसान विनय सिंह ने बताया वह श्रीअन्न की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करना चाहते हैं, लेकिन 11 दिसंबर से ही वेबसाइट कब खुलती है, पता ही नहीं चलता है. वेबसाइट का Opening Page तो खुल जाता है, मगर योजना के आवेदन का पेज नहीं खुलता है. वेबसाइट पर दिए विभाग के हेल्पलाइन नंबर का भी यही हाल है. विभाग के अधिकारियों से इस बावत बात करने पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. एक अधिकारी सिर्फ इतना कहा कि आवेदन के समय वेबसाइट पर लोड बढ़ने के कारण कई बार वेबसाइट खुलने में दिक्कत आती है.
इस योजना में मिलेट्स बीज उत्पादन हेतु Seed Money के लिए सिर्फ एफपीओ ही आवेदन कर सकते हैं. इसमें उसी एफपीओ को 4 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जिसने इस साल खरीफ सीजन में मिलेट्स की विभिन्न फसलों का 100 कुंतल तक बीज उत्पादन कराया हो. इस योजना में किसानों के लिए दूसरा कारोबार मिलेट्स प्रसंस्करण यूनिट और Millets Packing and Marketing Center स्थापित करने का है.
इसके लिए एफपीओ और उद्यमी ही आवेदन कर सकते हैं. इन्हें अनुदान के रूप में DPR में दर्शाई गई लागत का 50 प्रतिशत राशि मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 47.50 लाख रुपये है. इसमें शर्त यह रखी गई है कि एफपीओ कम से कम 3 साल पुराना हो और उसका या उद्यमी का सालाना टर्नओवर 100 लाख रुपये हो.
इस योजना के तहत सरकार ने किसानों को मिलेट्स की दुकान भी शुरू करने का विकल्प मुहैया कराया है. इसमें Millets Mobile Outlet का भी विकल्प किसानों को दिया गया है. किसान मिलेट्स की चलती फिरती दुकान भी खोल सकेंगे. साथ ही Millets Store यानी श्री अन्न के तमाम उत्पादों की दुकान शुरू की जा सकती है.
ये भी पढ़ें, Pashupalan: मुनाफे का सौदा है ये पहाड़ी गाय, 5500 रुपये किलो बिकता है इसके दूध से बना घी
इसके लिए स्वयं सहायता समूह, एफपीओ, किसान या उद्यमी अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसमें श्री अन्न की चलती फिरती दुकान शुरू करने के लिए डीपीआर के अनुरूप अधिकतम 10 रुपये तक का अनुदान और श्री अन्न की दुकान के लिए डीपीआर के अनुरूप अधिकतम 20 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा. इसका लाभार्थी बनने के लिए शर्त यह रखी गई है कि आवेदन करने वाला किसानों का समूह कम से कम 3 साल से काम कर रहा हो. मोबाइल शॉप के लिए आवेदक के पास वाहन और आउटलेट शुरू करने के लिए आवेदक के पास पहले से दुकान होना जरूरी है. आवेदन की सभी शर्तें एवं दस्तावेजों की जानकारी कृषि विभाग की वेबसाइट पर दी गई है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today