पंजाब में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होने वाली है. इसे लेकर मंडियों और खरीद केंद्रों पर तैयारियां चल रही हैं. इसी क्रम में लुधियाना में डिप्टी कमिश्नर (DC) साक्षी साहनी ने आढ़ितयों, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के अधिकारियों और रसद विभाग के कर्मचारियों के साथ बैठक की. इसमें गेहूं खरीद की तैयारियों का जायजा लिया गया. यह बैठक लुधियाना के बचत भवन में की गई.
मीटिंग के बारे में डीसी ने बताया कि 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद हो रही है. उससे पहले मीटिंग की गई ताकि हर तरह की तैयारियों की समीक्षा की जाए और उन सभी पहलुओं पर विचार कर लिया जाए जिससे कि गेहूं बिक्री में किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो. इससे जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस सीजन में लुधियाना जिले में 109 मंडियों में तकरीबन 8.13 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद किए जाने की संभावना है.
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DC साहनी ने खरीद एजेंसी के अधिकारियों से कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर गेहूं खरीद का जायजा लें ताकि मंडियों में यह काम आसानी से और सुचारू ढंग से हो सके. डीसी ने मंडियों में बिजली, शेड और पानी की सप्लाई दुरुस्त रखने का भी निर्देश दिया. ये भी कहा कि हर खरीद सेंटर पर गेहूं की क्वालिटी की जांच की जानी चाहिए. बिक्री के लिए किसानों के लाए गेहूं की क्वालिटी अच्छी तरह से जांच की जानी है.
डीसी के साथ बैठक में खन्ना, जगराओं, साहनेवाल, माछीवाड़ा, रायकोट, मुल्लांपुर, दोराहा समेत अन्य इलाकों से आढ़तियों ने हिस्सा लिया. आढ़ती एसोसिएशन के सदस्यों से खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए सुझाव भी मांगे गए.
बैठक में डीएमओ गुरमत पाल सिंह, लुधियाना पूर्व उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) विकास हीरा, जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय (डीएफएससी) शेफाली चोपड़ा, लुधियाना पश्चिम (डीएफएससी) संजय चोपड़ा, भारतीय खाद्य निगम के संभागीय प्रबंधक, एमएल मीना, मार्कफेड के जिला प्रबंधक, सुधीर कुमार, पनसप जिला प्रबंधक अनंत शर्मा, पीएसडब्ल्यूसी के जिला प्रबंधक सुखविंदर सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी प्रकाश सिंह समेत अन्य भी मौजूद रहे.
साहनी ने आदेश दिया है कि गेहूं की कटाई के मौसम के दौरान, कंबाइन का इस्तेमाल केवल सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किया जा सकता है. ये आदेश 1973 की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जारी किए गए हैं. कंबाइन मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे खेतों में मशीन का उपयोग करने से पहले कृषि विभाग से इसका निरीक्षण करवा लें और कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग न करें. सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) के बिना उपयोग किया जाना चाहिए.
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