जलवायु-अनुकूल किस्में और ज्यादा रकबे का कमाल, गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार का अनुमान

जलवायु-अनुकूल किस्में और ज्यादा रकबे का कमाल, गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार का अनुमान

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक सर्वेक्षण में इस साल गेहूं का उत्पादन 8.2 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद जताई गई है. उत्पादन में इस उछाल का कारण अधिक रकबा और जलवायु-अनुकूल किस्मों की बुवाई बताई जा रही है.

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जलवायु-अनुकूल किस्में और ज्यादा रकबे का कमाल, गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार का अनुमानइस साल गेहूं उत्पादन में रिकॉर्ड उछाल

गेहूं के लिए इस साल रिकॉर्ड पैदावार का आंकलन लगाया जा रहा है. दरअसल एक हालिया सर्वेक्षण में गेहूं की फसल का इस साल 110 मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (RFMFI) ने ये सर्वेक्षण किया जिसमें गेहूं को लेकर ये आंकड़े सामने आए हैं. इस सर्वे के मुताबिक,  फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) के दौरान गेहूं का उत्पादन 8.2 प्रतिशत ज्यादा रहने की उम्मीद है. इस अनुमानित बंपर पैदावार के पीछे गेहूं का अधिक रकबा और जलवायु-अनुकूल किस्मों की बुवाई को माना जा रहा है.

110 मीट्रिक टन पैदावार का अनुमान 

गेहूं की फसल का पहला सर्वे जारी करते हुए एग्रीवॉच के नलिन रावल ने कहा कि उनका संगठन "सतर्क रूप से आशावादी" है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 109.85 मीट्रिक टन होने की संभावना है, जबकि पिछले साल यही अनुमान 105.79 मीट्रिक टन था. एक अंग्रेजी अखबार, 'बिजनेस लाइन' ने इस सर्वे को लेकर लिखा है कि उत्पादन का ये अनुमान महत्वपूर्ण है, क्योंकि फरवरी में मौसम गर्म होने के कारण व्यापार जगत गेहूं के उत्पादन पर तमाम तरह की अटकलें लगा रहा है. 

RFMFI के अध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने सोमवार को गोवा में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गेहूं मिलिंग सम्मेलन, 'मिलिंग का भविष्य-विजन 2030 और उसके बाद' में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है. फरवरी के तीसरे सप्ताह तक के ये अनुमान RFMFI के 110 मीट्रिक टन फसल के पूर्वानुमान के अनुरूप हैं.

आखिर कैसे हुआ ये कमाल?

RFMFI के अध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा कि गेहूं की फसल पर ज्यादा असर इसलिए नहीं पड़ा क्योंकि किसानों ने ज्यादातर जलवायु-अनुकूल किस्मों की खेती की है. उन्होंने कहा कि पिछले साल गेहूं का रकबा 312 लाख हेक्टेयर था, जबकि इस साल यह लगभग 328 लाख हेक्टेयर (रिकॉर्ड) है. एग्रीवॉच के अनुसार, इस साल गेहूं की पैदावार भी 2 प्रतिशत अधिक है. हालांकि, इसमें पिछले सप्ताह पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हुई ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान को नहीं नकारा जा सकता.

ज्यादातर राज्यों में उछला उत्पादन

बिजनेस लाइन में छपे इस सर्वे के अनुसार, मध्य प्रदेश के रकबे में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि के कारण गेहूं के उत्पादन में 8 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है, जबकि राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल में उत्पादन में भी अच्छी खासी बढ़त होगी. वहीं उत्तर प्रदेश के रकबे में 0.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ, इस राज्य के गेहूं उत्पादन में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है. मगर 32.05 मीट्रिक टन के साथ यूपी देश में गेहूं का शीर्ष उत्पादक है. इसी तरह पंजाब में 1.2 प्रतिशत, राजस्थान में 7.7 प्रतिशत, हरियाणा में 1.1 प्रतिशत और बिहार में 2 प्रतिशत से गेहूं के उत्पादन में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. गुजरात में 6 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 5.4 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 6.6 प्रतिशत और अन्य राज्यों में 3.8 प्रतिशत से गेहूं की पैदावार में बढ़त दिखी है. 

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