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Wheat Procurement: गेहूं खरीद के बाद 72 घंटे के अंदर क‍िसानों को भुगतान करे सरकार, व्यापार मंडल की मांग

Wheat Procurement: गेहूं खरीद के बाद 72 घंटे के अंदर क‍िसानों को भुगतान करे सरकार, व्यापार मंडल की मांग

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा किसानों की सरसों का ब्यौरा 3-4 महीने से 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल' पर नहीं चढ़ा है, जिसके कारण सरकारी एजेंसी क‍िसानों से सरसों की खरीद नहीं कर रही हैं. ऐसे में किसान मजबूरी में अपनी सरसों औने-पौने दामों पर बाहर बेच रहे हैं. 

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गेहूं और सरसों खरीद को लेकर व्यापार मंडल ने उठाई आवाज. (File Photo) गेहूं और सरसों खरीद को लेकर व्यापार मंडल ने उठाई आवाज. (File Photo)

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा है क‍ि अनाज मंडियों में एक अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद शुरू होने जा रही है, लेक‍िन इसके ल‍िए मंडियों में कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए हैं. अभी तक सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा आढ़तियों को बारदाना तक नहीं दिया गया है. मंडियों में अनाज खरीद के लिए मूलभूत सुविधा तक नहीं है. यहां तक कि किसान भवन में किसानों के ठहरने व चाय-पानी तक की भी व्यवस्था नहीं है. गर्ग ने कहा कि सरकार को अपने वादे के मुताब‍िक गेहूं की खरीद (Wheat Procurement) शुरू करनी चाहिए. उसका भुगतान, उठान व आढ़तियों का कमीशन 72 घंटे के अंदर-अंदर देना चाह‍िए. 

गर्ग ने कहा क‍ि आढ़तियों का कमीशन कई साल से 2.5 प्रतिशत था. वही 2.5 प्रतिशत कमीशन गेहूं, सरसों, कपास के साथ-साथ हर अनाज खरीद पर सरकार को देना चाहिए. किसान अपनी सरसों बेचने के लिए कई दिनों से मंडियों में धक्के खा रहे हैं.  किसानों की सरसों का ब्यौरा 3-4 महीने से पोर्टल पर नहीं चढ़ा है, जिसके कारण सरकारी एजेंसी सरसों की खरीद नहीं कर रही हैं. किसान मजबूरी में अपनी सरसों औने-पौने दामों पर बाहर बेच रहे हैं. जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

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क‍िसानों को दोहरा नुकसान

व्यापार मंडल के नेता गर्ग ने कहा क‍ि एक तरफ सरकारी नीत‍ियों से क‍िसानों को नुकसान हो रहा है तो दूसरी ओर, भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण पहले ही किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. ऊपर से सरसों का ब्यौरा 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल' पर न चढ़ने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसल‍िए सरकार को अनाज की खरीद ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से करनी चाहिए. ताकि किसान अपनी फसल तुरंत प्रभाव से मंडियों में बेचकर अपने घर वापस जा सकें.

समय पर म‍िले मुआवजा

क‍िसानों और आढ़तियों से बातचीत करने के बाद व्यापारी नेता ने कहा क‍ि केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों से किसान व आढ़ती बेहद दुखी हैं. न तो इस राज में समय पर किसान की फसल की खरीद हो रही है और न ही समय पर फसलों का भुगतान हो रहा है. किसानों को खराब फसल का मुआवजा (Crop Loss Compensation) भी समय पर नहीं मिल रहा है. किसानों का पिछले तीन साल (2020 से 2022) तक की मुआवजा राशि अभी तक बकाया है. अब लगातार हो रही बार‍िश से क‍िसानों की परेशानी और बढ़ गई है, लेक‍िन अब तक मुआवजा देने के ल‍िए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. 

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