महाराष्ट्र में जहां सोयाबीन और कपास का दाम कई मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम मिल रहा है तो वहीं गेहूं के दाम में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है. राज्य के अधिकांश बाजारों में गेहूं का दाम एमएसपी से अधिक चल रहा है. अगर अलग गुणवत्ता का गेहूं है तो उसका दाम ज्यादा मिल रहा है. जैसे शरबती गेहूं का अधिकतम दाम पुणे मंडी में 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, जो इस सीजन में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है. महाराष्ट्र एग्रिकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार 6 जून को राज्य की सिर्फ 6 मंडियों में गेहूं की आवक हुई, जिसमें से सबसे ज्यादा दाम पुणे में रहा. यहां 410 क्विंटल की आवक के बावजूद न्यूनतम दाम 4000 और औसत दाम 5000 रुपये क्विंटल रहा. सोलापुर में शरबती गेहूं का अधिकतम दाम 3990 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
शरबती गेहूं का दाम इतना अधिक इसलिए होता है क्योंकि इसकी गुणवत्ता अन्य सभी किस्मों से अच्छी होती है. यह गेहूं मध्य प्रदेश के सिहोर और उसके आसपास के जिलों में पैदा होता है, जिसे जीआई टैग मिला हुआ है. महाराष्ट्र के लोग इस गेहूं की रोटी खाना पसंद करते हैं. इसलिए यह मध्य प्रदेश से यहां बिकने के लिए आता है. अपनी चमक, स्वाद और पौष्टिकता की वजह से गेहूं की यह किस्म चर्चा में रहती है.
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महाराष्ट्र के किसान प्याज, कपास, सोयाबीन, अंगूर, अनार और गन्ने की खेती पर काफी जोर देते हैं. गेहूं की खेती बहुत कम करते हैं. देश के कुल गेहूं उत्पादन में महाराष्ट्र का योगदान सिर्फ 2 प्रतिशत ही है. यहां गेहूं उत्पादन की लागत देश मे सबसे ज्यादा आती है. प्रति क्विंटल 2115 रुपये की लागत आती है. इसलिए यहां के किसान सिर्फ अपने खाने के लिए गेहूं की खेती करते हैं. वर्ष 2022-23 में राज्य में 11.31 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था.
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