अप्रैल में गेहूं की नई फसल तैयार हो जाएगी. मंडियों में नई उपज आने में अब लगभग एक महीने का ही समय बाकी है फिर भी महाराष्ट्र में इसका दाम नया रिकॉर्ड बना रहा है. पुणे मंडी में 17 फरवरी को बिना छिलके वाले गेहूं का दाम 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया. वहीं दूसरी नागपुर तरफ मंडी में भूसी वाले गेहूं का दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा. विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि मार्च के अंत तक गेहूं के दाम में इसी तरह की तेजी कायम रहेगी. इसके बाद जब नई उपज आ जाएगी तब दाम कम हो सकते हैं.
महाराष्ट्र की ज्यादातर मंडियों में गेहूं एमएसपी के ऊपर भाव पर बिक रहा है. वसई मंडी में गेहूं का दाम 2860 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकांश मंडियों में दाम 2500 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा मिल रहा है. जबकि सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2022-23 सीजन के 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय कर रखा है. अप्रैल 2024 में नया एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल का लागू होगा.
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गेहूं का दाम महाराष्ट्र और गुजरात में बहुत ज्यादा है. वैसे तो 2022 के बाद से सभी राज्यों में गेहूं का दाम एमएसपी से ऊपर ही चल रहा है. उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में गेहूं का दाम आमतौर पर ज्यादा ही बना रहता है. क्योंकि गेहूं की खेती यहां बहुत कम होती है. देश के कुल गेहूं उत्पादन में महाराष्ट्र का योगदान सिर्फ 2 प्रतिशत है. यहां के किसान गेहूं की बजाय बागवानी फसलों पर ज्यादा जोर देते हैं इसलिए यहां गेहूं महंगा रहता है. खासतौर पर मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों की मंडियों में हमेशा दाम में तेजी बनी रहती है.
कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में गेहूं उत्पादन की लागत सबसे ज्यादा आती है. यहां प्रति क्विंटल 2115 रुपये की लागत आती है. इसलिए यहां के किसान सिर्फ अपने खाने के लिए गेहूं की खेती करते हैं. वर्ष 2022-23 में राज्य में 11.31 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था.
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