भारत के कई राज्यों में गेहूं की कटाई का मौसम अब खत्म होने को है. जहां एक और किसानों को गेहूं का अच्छा दाम मिल रहा है तो कहीं पर किसान अभी तक अपने भुगतान का इंतजार कर रहे हैं. हरियाणा के करनाल में खरीदे गए गेहूं का 84 फीसदी हिस्सा अनाज मंडियों से उठाया जा चुका है. लेकिन सैकड़ों किसान अभी भी 349 करोड़ रुपये के भुगतान का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारी जहां इस देरी के लिए रसद संबंधी मुद्दों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो वहीं किसान यूनियनों ने सरकार की आलोचना की है. यूनियनों का कहना है कि सरकार समय पर भुगतान के अपने वादे से मुकर गई है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, हाफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (एचडब्ल्यूसी) ने इस सीजन में सामूहिक तौर पर 79,02,150 क्विंटल गेहूं की खरीद की है. अखबार द ट्रिब्यून की खबर के अनुसार किसानों को बकाया कुल 1,916 करोड़ रुपये में से अब तक 1,567 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.
खाद्य विभाग ने 1,068 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा है जिसमें से 929 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. हैफेड ने 787 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा जिसमें से 579 करोड़ रुपये वितरित किए गए. जबकि एचडब्ल्यूसी ने 61 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा, जिसमें से 59 करोड़ रुपये किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं.
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) अनिल कुमार ने कहा, 'सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक पहुंचने के बाद भुगतान ट्रांसफर किया जाता है. हमने करीब 84 प्रतिशत गेहूं उठा लिया है और कुछ दिनों में बाकी उठाव पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद, अटकी हुई पेमेंट्स भी पूरी कर दी जाएंगी.' हालांकि, किसान और यूनियन इस सफाई को मानने से इनकार कर रहे हैं.
बीकेयू (सर छोटू राम) के प्रवक्ता बहादुर मेहला ने कहा कि सरकार ने समय पर भुगतान का वादा किया था न कि गोदाम में डिलीवरी के बाद भुगतान का. उनका कहना था कि ट्रांसपोर्टेशन, मजदूर या फिर स्टोरेज में देरी एजेंसियों की जिम्मेदारी है. ऐसे में किसानों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. अधिकारी भुगतान को उठाव से जोड़कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं. भुगतान तुरंत किया जाना चाहिए. मेहला ने कहा कि देरी से किसानों पर गंभीर वित्तीय दबाव पड़ रहा है. उन्हें अपने अगले फसल चक्र की तैयारियों के लिए तुरंत पैसों की जरूरत है.
हरियाणा में सरकारी एजेंसियों की तरफ से खरीदे गए गेहूं का 66 प्रतिशत उठाव दर्ज किया गया है. जबकि 34 प्रतिशत अभी भी अनाज मंडियों में पड़ा हुआ है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में इस सीजन में 67,46,244 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं की आवक दर्ज की गई है. इसमें से 64,15,828 मीट्रिक टन सरकारी एजेंसियों ने खरीदा है. कुल खरीद में से, 42,78,111 मीट्रिक टन यानी करीब 66 प्रतिशत गेहूं अब तक उठाया जा चुका है.
जिलेवार लिफ्टिंग प्रतिशत में करनाल में 84 फीसदी, अंबाला में 77 फीसदी, भिवानी में 62 फीसदी, चरखी दादरी में 70 फीसदी, फरीदाबाद में 87 फीसदी, फतेहाबाद में 60 प्रतिशत, गुरुग्राम में 77 प्रतिशत, हिसार में 61 प्रतिशत, झज्जर में 73 प्रतिशत, जिंद में 50 प्रतिशत, कैथल में 48 प्रतिशत, कुरूक्षेत्र में 75 प्रतिशत, महेंद्रगढ़ में 78 प्रतिशत, मेवात में 93 प्रतिशत, पलवल में 84प्रतिशत, पंचकुला में 44 प्रतिशत तक गेहूं की खरीद हो चुकी है. इसी तरह से पानीपत में 79 फीसदी, रेवाडी में 95 फीसदी, रोहतक में 54 प्रतिशत, सिरसा में 55 प्रतिशत, सोनीपत में 66 प्रतिशत और यमुनानगर में 77 प्रतिशत तक गेहूं की खरीद पूरी हो गई है.
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