मुख्यमंत्री कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना के तहत वर्ष 2023-24 के दौरान महाराष्ट्र में क्रियान्वित किए जाने वाले 100 करोड़ रुपये के कार्यक्रम की प्रशासकीय मंजूरी दी गई है. इसके तहत किसानों के हित के अलग-अलग तरह के काम होंगे. यह निधि कृषि निदेशक (कृषि प्रसंस्करण और योजना), के अनुरोध पर उपलब्ध कराई गई है. राज्य में यह योजना वर्ष 2017-18 से चलाई जा रही है जिसे अगले पांच वर्षों के लिए वर्ष 2026-27 तक बढ़ा दिया गया है. योजना का मकसद मॉडल टेक्नोलॉजी आधारित परियोजनाओं और कृषि उपज की गुणवत्ता बढ़ाने को प्रोत्साहित करना, निर्यात को प्रोत्साहित करना, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए कौशल जनशक्ति तैयार करना और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी और मध्यम कृषि और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से रोजगार को बढ़ाना है.
योजना के तहत कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, उनका उन्नयन एवं आधुनिकीकरण हो सकता है. कोल्ड चेन बनाए जा सकते हैं और प्री-प्रोसेसिंग सेंटर एवं एकीकृत कोल्ड चेन से संबंधित खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं. किसान प्राथमिक उत्पादक से आगे बढ़कर अगर प्रोसेसिंग से भी जुड़ेगा तब उसे अधिक फायदा होगा. इसलिए प्रोसेसिंग यूनिटों को बनाने के लिए सरकार काफी जोर दे रही है. साथ ही मदद भी कर रही है.
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नई टेक्नोलॉजी पर आधारित परियोजनाओं की स्थापना द्वारा किसानों की उपज का वैल्यू एडिशन करके अच्छा दाम दिलाना.
ऊर्जा बचाने, उत्पादित खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए परियोजना के आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करना.
प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, मार्केट डेवलपमेंट और निर्यात प्रोत्साहन के उत्पादों को बढ़ावा देना.
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए ट्रेंड लोगों की संख्या बढ़ाना.
ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को प्राथमिकता देकर रोजगार बढ़ाना.
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