प्याज के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस के खिलाफ गुस्से में व्यापारी और किसान, बताया अघोषित निर्यातबंदी 

प्याज के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस के खिलाफ गुस्से में व्यापारी और किसान, बताया अघोषित निर्यातबंदी 

प्याज के एक थोक व्यापारी ने बताया कि आवक कम होने से ही प्याज के दाम में इजाफा हुआ है. आमतौर इस महीने तक नया प्याज मंडी पहुंचने लगता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बारिश न होने के कारण बुवाई देरी से हुई है. इस कारण मंडियों में नया प्याज नहीं आ पा रहा है. नए प्याज की आवक नवंबर मध्य और दिसंबर तक शुरू होने की उम्मीद है.

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प्याज के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस के खिलाफ गुस्से में व्यापारी और किसान, बताया अघोषित निर्यातबंदी प्याज की कीमतों को लेकर व्यापारीयों ने जताया gussa

देश भर में 15 दिनों में प्याज तीन गुना महंगा हो गया है. प्याज थोक में 50-60 रुपये और फुटकर बाजार में 80-90 रुपये किलो तक बिक रहा है. सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर लगाई गई 40 प्रतिशत ड्यूटी को खत्म कर प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 800 डॉलर प्रति टन कर दिया है. नासिक के व्यापारियों और किसानों ने इसे अघोषित निर्यातबंदी बताया है. क्योंकि सरकार के इस फैसले से मंडियों में दाम औसतन 10 रुपये किलो गिर गए हैं. नासिक में प्याज का थोक व्यापार करने वाले संजय परदेशी बताते हैं कि अभी मंडी में रोजाना 20 प्रतिशत कम आवक हो रही है. आज प्याज थोक में 45 से 48 रुपये तक के भाव में बिके हैं. 

परदेशी ने बताया कि आवक कम होने से ही प्याज के दाम में इजाफा हुआ है. आमतौर इस महीने तक नया प्याज मंडी पहुंचने लगता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बारिश न होने के कारण बुवाई भी देरी से हुई है. इस कारण मंडियों में नया प्याज नहीं आ पा रहा है. नए प्याज की आवक नवंबर मध्य और दिसंबर तक शुरू होने की उम्मीद है.

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प्याज की मुनाफाखोरी कौन कर रहा है?

वहीं, लासलगाव कृषि मंडी के संचालक छबुराव जाधव कहते हैं कि यहा 15 से 20 प्रतिशत कम आवक आ रही है.  लेकिन प्याज के दाम 45 से 48 रुपये ही हैं. यही प्याज दिल्ली में 55 रुपये के आसपास बिकती है. अब ग्राहक को 100 रुपये किलो क्यों मिल रही है, इसकी जांच सरकार करे. मुनाफाखोरी करने वालों पर सख्त कदम उठाना चाहिए. वहीं, किसानों के एक संगठन ने आशंका जताई है कि नफेड ने अपना स्टॉक सिर्फ पेपर पर खरीदा था. अब वह भी ग्राहकों को राहत नहीं दे सकेगी. वहीं इस पर नफेड के स्थानीय अधिकारी ने चुप्पी साधे हुए हैं.

बारिश के कारण बुरा असर पड़ा

इस बार राज्य में कम बारिश का असर खरीफ सीजन के प्याज की बुआई पर हुआ है. इस सीजन का प्याज में 2 महीने देरी है. नया प्याज अब दिसंबर में बाजार में आएगी. अभी भी मार्केट में रबी यानी समर क्रॉप बिक रही है, लेकिन वह भी अभी किसानों के पास सिर्फ 15 प्रतिशत बची हुई है. रबी  सीजन की फसल भी बेमौसम बारिश से खराब हुई थी. बारिश का पानी प्याज में घुस गया था, जिससे किसान उसे अधिक दिनों तक स्टोर नहीं रख सके. इससे दो-तीन महीने पहले प्याज की बड़ी खेप मार्केट से निकल गई. अब जो बचा-खुचा प्याज है, वह महंगे रेट पर निकल रहा है. भाव में बढ़ोतरी की एक वजह इस बार प्याज की कम बुवाई भी है. पिछले सीजन में किसानों को प्याज का अच्छा भाव नहीं मिला, इसलिए मायूसी में किसानों ने इस बार इसकी खेती कम की. ( रिपोर्ट/प्रवीण ठाकरे) 

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