किसानों को ज्‍यादा उपज देती हैं दालचीनी की ये 2 किस्‍में, बस 3 साल में हो जाती हैं तैयार  

किसानों को ज्‍यादा उपज देती हैं दालचीनी की ये 2 किस्‍में, बस 3 साल में हो जाती हैं तैयार  

दालचीनी की नित्याश्री किस्‍म गुणवत्ता इसी महक है जबकि नवश्री छाल की रिकवरी और प्रोसेसिंग कैपिसिटी में बेहतरीन है. इससे किसानों को अधिक लाभ और टिकाऊ विकास के साथ सशक्त बनाया जा सकता है. नित्याश्री और नवश्री को जिन्हें ICAR की इंडियन स्‍पाइसेज रिसर्च इंस्‍टीट्यूट की तरफ से जारी किया गया है.

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किसानों को ज्‍यादा उपज देती हैं दालचीनी की ये 2 किस्‍में, बस 3 साल में हो जाती हैं तैयार  ICAR ने डेवलप की है दालचीनी की ये खास किस्‍में

दालचीनी एक ऐसा मसाला जो लगभग हर किचन में पाया जाता है. ऐसे में किसानों के लिए इसकी खेती भी फायदेमंद साबित हो सकती है. आज हम आपको दो ऐसी किस्‍मों के बारे में बताते हैं जो किसानों को ज्‍यादा उपज दे सकती है. नित्याश्री और नवश्री दालचीनी की ऐसी किस्में हैं जो किसानों को ज्‍यादा उपज देती हैं. इन दोनों किस्‍मों से किसानों को 200-250 किग्रा प्रति हेक्टेयर तक की उपज मिलती है और तुरंत लाभ भी मिलता है.  

ICAR ने जारी कीं किस्‍में 

दालचीनी की नित्याश्री किस्‍म गुणवत्ता इसी महक है जबकि नवश्री छाल की रिकवरी और प्रोसेसिंग कैपिसिटी में बेहतरीन है. इससे किसानों को अधिक लाभ और टिकाऊ विकास के साथ सशक्त बनाया जा सकता है. नित्याश्री और नवश्री को जिन्हें ICAR की इंडियन स्‍पाइसेज रिसर्च इंस्‍टीट्यूट की तरफ से जारी किया गया है. दोनों ही किस्‍मों को उनकी बेहतरीन गुणवत्ता और भारतीय बढ़ती परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए जानी जाती हैं. 

तीन साल में रेडी हो जातीं फसलें 

नित्याश्री दालचीनी की वह किस्‍म है जो तीन सालों में पहली फसल देता है. साथ ही प्रति हेक्टेयर 200-250 किलोग्राम सूखी क्विल किसानों को मिलती है. इस किस्‍म से किसानों को ज्‍यादा फायदा होता है. किसानों को इससे छाल तेल मिलता है. ओलियोरेसिन स्तरों के कारण इसकी महक भी काफी ज्‍यादा होती है. नित्‍याश्री की ही तरह नवश्री दालचीनी वह किस्‍म है जो  तीन सालों में पहली फसल देती है और कटाई के लिए रेडी हो जाती है. इस किस्‍म से भी किसानों को उपज प्रति हेक्टेयर 200-250 किलोग्राम सूखी क्विल. 

भारत को भी होगा फायदा 

विशेषज्ञों का कहना है कि नित्याश्री और नवश्री दालचीनी की किस्में, स्‍पाइस रिसर्च इंस्‍टीट्यूट और विकास में भारत की तरक्‍की का प्रतीक हैं. दोनों ही किस्‍मों की खास विशेषताएं विविध खेती और व्‍यवसाय की सभी जरूरतों को पूरा करती हैं. नित्याश्री उन किसानों के लिए सही है तेजी से मुनाफा चाहते हैं. जबकि नवश्री से छाल के अलावा इसकी तेज महक किसानों के लिए फायदेमंद रहती है. विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों ही किस्‍में दालचीनी की खेती की गुणवत्ता और स्थिरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इससे अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मसाला व्यापार में भारत की स्थिति मजबूत होगी.  

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