अंतरिम बजट को लेकर उद्योग जगत की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने तिलहन क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने के लिए सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे प्रमुख तिलहनों को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की योजना का स्वागत किया है. उन्होने कहा कि इस कदम के सही कार्यान्वन से देश को तेल आयात बिल कम करने में काफी मदद मिलेगी. आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान' एक दूरदर्शी रणनीति है. भारत सालाना लगभग 150 लाख टन खाद्य तेल का आयात करता है, जिसका मूल्य 1.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
वित्त मंत्री ने गुरुवार को अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने की रणनीति बनाएगी. महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण जैन ने कहा हम यह भी चाहते थे कि सरकार तिलहन विस्तार कार्यक्रम को और मजबूत करने के लिए तिलहन उत्पादन बोर्ड का गठन करें जिसमें किसान, वैज्ञानिक, सरकारी अधिकारी एवं तिलहन और खाद्य तेल संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए.
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अंतरिम बजट 2024 में कृषि क्षेत्र और बीज उद्योग के लिए की गई घोषणाओं पर फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एफएसआईआई) ने खुशी जाहिर की है. फेडरेशन के अध्यक्ष अजय राणा ने कहा कि इस अंतरिम बजट में तिलहन पर दिए गए जोर और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को देखकर बीज उद्योग विशेष रूप से खुश है. सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, तिल और सूरजमुखी जैसे तिलहन फसलों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने पर केंद्रित रणनीति कृषि क्षेत्र को नई गति देगी. यह एक सामयिक और प्रभावी कदम है, जो इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की हमारी आकांक्षाओं को बढ़ाएगा.
फसल सुरक्षा उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के संगठन क्रॉपलाइफ इंडिया ने कहा कि इस बजट में इनोवेशन पर काफी जोर दिया गया है, जो किसानों को नई और हरित फसल सुरक्षा में मदद करेगा. संगठन ने बजट का स्वागत करने के साथ यह भी कहा कि एग्रोकेमिकल्स पर मौजूदा 18% से घटाकर 12% किया जाए. क्रॉपलाइफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल दुर्गेश चंद्रा ने कहा कि 2024-25 में किसानों की आय बढ़ाने और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सुधारों पर ध्यान देना चाहिए. भारतीय किसानों को नए और हरित फसल सुरक्षा उत्पादों की आवश्यकता है.
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