तेलंगाना की सरकार ने किसानों को धान की लंबी किस्में उगाने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. अभी यहां पर किसान मोटे किस्म के धान को उगा रहे हैं जिसका भंडार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से फाइन राइस यानी लंबे चावल की कमी हो गई है और बाजार में चावल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार को राज्य सरकार की कैबिनेट की तरफ से फैसला किया गया है कि फाइन राइस की एक क्विंटल मात्रा पर किसानों को 500 रुपये एमएसपी के अतिरिक्त बतौर बोनस दिए जाएंगे.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि है कि सोमवार को सरकार ने जो फैसला किया है उसका मकसद न केवल किसानों को मुआवजा देना है बल्कि राज्य में लाखें राशन कार्ड धारकों को भी इस चावल की सप्लाई करना है. यह सप्लाई राज्य में सरकारी दुकानों के जरिये ही की जाएगी. सूत्रों के हवाले से अखबार ने जानकारी दी है कि बड़ी संख्या में सफेद राशन कार्ड धारक मोटे चावल को तरजीह नहीं दे रहे हैं और उनमें से कई इसे बेच रहे हैं.
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कांग्रेस की तरफ से चुनाव में वादा किया गया था कि वह पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के जरिये फाइन राइस सप्लाई करेगी. एक अधिकारी ने बताया कि मोटे धान की किस्मों का स्टॉफ बढ़ता जा रहा है तो वहीं लंबा या पतला चावल इतना नहीं है कि पूरे राज्य में उसका वितरण किया जा सके. राज्य में किसान हर सीजन में भारी मात्रा में मोटे धान की किस्म की खेती करते हैं. इस वजह से अब पतले चावल की कमी हो गई है. बाजार में पतले चावल की कीमतों में इतना इजाफा हो रहा है कि वह अब आम आदमी की पहुंच से भी बाहर हो गया है.
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सरकार को हर साल व्हाइट राशन कार्ड होल्डर्स के लिए 36 लाख मीट्रिक टन पतले चावल की जरूरत होती है. मिड-डे मील्स स्कीम के लिए भी सरकार पतले चावल की सप्लाई कर रही है. इसके अलावा वेलफेयर हॉस्टल्स और आंगनवाड़ी केंद्रो पर भी इसकी आपूर्ति की जा रही है. वर्तमान समय में मोटा चावल पीडीएस के जरिए व्हाइट राशन कार्ड होल्डर्स को सप्लाई किया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि मोटे किस्म के चावल की तुलना में महीन किस्म के चावल की उपज कम होती है. इसी वजह से किसान मोटे किस्म की चावल खेती करते हैं.
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