इस साल बारिश की कुछ राज्यों में जहां बेरुखी देखने को मिली तो वहीं कुछ राज्यों में मॉनसून ने किसानों को खुश कर दिया है. इस साल मॉनसून में महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में कम बारिश से सूखे की गंभीर स्थिति के कारण गन्ना की फसल को नुकसान हुआ है. इससे चीनी का उत्पादन घटने की आशंका है. लेकिन उत्तर प्रदेश में हालत बेहतर बताई जा रही है जहां बड़े पैमाने पर गन्ने की पैदावार होती है. महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में गन्ने की पैदावार गिरेगी तो वहीं उत्तर प्रदेश में हालत कुछ बेहतर रहने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश में इस साल गन्ने की अधिक पैदावार की वजह गन्ने के बुवाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोतरी है. इस बार मौसम और बारिश कमोबेश फसल के लिए अनुकूल रही है. इस बारे में केंद्रीय खाद्य सचिव बताते हैं कि इस बार अगस्त का महीना पिछले 100 से अधिक वर्षों में सबसे अधिक सूखा और गर्म रहा है. उन्होंने कहा कि लगभग समूचे देश में बारिश की भारी कमी देखी गई. इसमें महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में गन्ने की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
वहीं उत्तर प्रदेश में अगस्त के दौरान अच्छी बारिश हुई जिससे गन्ने और चीनी का उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं. हालांकि अभी साफ नहीं है कि उत्तर प्रदेश में कितना चीनी का उत्पादन होगा, लेकिन इतना तय है कि बाकी प्रदेशों की तुलना में इसमें बेहतरी देखी जाएगी. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के उत्पादन में आने वाली संभावित गिरावट की भरपाई उत्तर प्रदेश कर सकता है.
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय अगले हफ्ते तक गन्ना उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी कर सकता है और उसके बाद खाद्य मंत्रालय चीनी के उत्पादन का अनुमान लगा सकता है. खाद्य सचिव के अनुसार आमतौर पर त्योहारी सीजन के दौरान चीनी की घरेलू खपत बढ़ जाती है क्योंकि घरों से लेकर होटल और रेस्तरां आदि में इसका उपयोग अधिक होता है. सरकार का कहना है कि अभी देश में चीनी का अच्छा-खासा स्टॉक है. सरकार के मुताबिक, 01 अक्टूबर 2023 को स्वदेशी उद्योग के पास 37 लाख टन चीनी का बकाया अधिशेष स्टॉक मौजूद था, जो 15 दिसंबर तक इसकी घरेलू मांग और जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.
देश के कुछ क्षेत्रों में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के लिए गन्ने की पेराई शुरू हो गई है. इसके अलावा अगले महीने से बाजार में नई चीनी की आवक शुरू हो जाएगी. इससे दाम में गिरावट आएगी. नई चीनी की आवक शुरू होने से बाजार में इसकी सप्लाई दुरुस्त होगी जिससे दाम घटाने में मदद मिलेगी. दूसरी ओर, महाराष्ट्र में 01 नवंबर से गन्ने की पेराई का काम शुरू होने वाला है.
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