अरहर और उड़द दाल की स्टॉक लिमिट में मिली ढील, सप्लाई दुरुत करने की कवायद

अरहर और उड़द दाल की स्टॉक लिमिट में मिली ढील, सप्लाई दुरुत करने की कवायद

अरहर और उड़द दाल की स्टॉक लिमिट बढ़ने से बाजार में बढ़ सकती है सप्लाई. आपूर्ति बढ़ने से दामों पर लग सकती है लगाम. सरकार ने थोक कारोबारियों को अब प्रत्येक दाल का 200 टन स्टॉक रखने की इजाजत दी है. पहले ये कारोबारी 50 टन दाल रख सकते थे. 

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अरहर और उड़द दाल की स्टॉक लिमिट में मिली ढील, सप्लाई दुरुत करने की कवायदकेंद्र सरकार ने दाल रखने की स्टॉक लिमिट को बढ़ा दिया है.

केंद्र सरकार ने बड़े रिटेलरों और डिपो पर दाल रखने की स्टॉक लिमिट को बढ़ा दिया है. साथ ही मिलर भी अब ज्यादा दाल रख सकेंगे और आयातक भी अधिक दिनों तक दालों का स्टॉक रख पाएंगे. सरकार ने पिछली बार स्टॉक सीमा कम रखी थी जिससे आपूर्ति में दिक्कत आ रही थी. जिसका असर दामों पर भी पड़ रहा था इसलिए सरकार ने अरहर और उड़द दाल पर लागू स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है. सरकार ने इन दोनों दालों पर मौजूदा स्टॉक लिमिट को बढ़ा दिया है. इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक संशोधित स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से लागू होगी. स्टॉक चार गुना बढ़ा दिया गया है.

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अरहर और उड़द दाल की स्टॉक लिमिट बढ़ने से बाजार में सप्लाई बढ़ सकती है, जिससे दामों पर लगाम लग सकता है. कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे महंगाई पर रोक लगेगी. भारत में दालों की भारी कमी है इसलिए इसे यहां आयात किया जा रहा है.

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अब इतना स्टॉक रख सकेंगे दाल कारोबारी

सरकार ने थोक कारोबारियों को अब प्रत्येक दाल का 200 टन स्टॉक रखने की इजाजत दी है. पहले ये कारोबारी 50 टन दाल रख सकते थे. खुदरा दाल कारोबारियों को दोनों दालों में से प्रत्येक का 5 टन स्टॉक रखने की अनुमति होगी. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया. बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता (बिग चेन रिटेलर) प्रत्येक खुदरा आउटलेट पर प्रत्येक दाल का 5 टन स्टॉक रख सकते हैं, जबकि डिपो या वेयर हाउस में दाल रखने की लिमिट 200 टन होगी. पहले डिपो पर दाल रखने की लिमिट 50 टन थी. मिलर पिछले 3 महीने के उत्पादन का या वार्षिक क्षमता का 25 फीसदी इनमें जो भी ज्यादा हो दाल का स्टॉक रख पाएंगे. पहले मिलर के लिए यह स्टॉक लिमिट एक महीने के उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 10 फीसदी थी. आयातक इन दालों का स्टॉक कस्टम क्लीयरेंस के 60 दिनों तक रख सकेंगे. पहले आयातक 30 दिन तक की दाल रख सकते थे.

स्टॉक मेंटेन करने के लिए 30 दिन की मोहलत

अगर किसी कारोबारी के पास इस तय स्टॉक लिमिट से ज्यादा स्टॉक है तो वे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर सूचित करेंगे कि वे इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन के भीतर स्टॉक को निर्धारित लिमिट तक लाएंगे. दाल कारोबारियों को विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की नियमित घोषणा करनी होगी.
केंद्र सरकार ने बढ़ती दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अरहर व उडद दालों पर स्टॉक लिमिट लगाई थी. सरकार ने सितंबर महीने में अरहर व उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट को घटा दिया था. अब सरकार ने फिर से इस लिमिट को बढ़ा दिया है. पहले स्टॉक लिमिट 30 अक्टूबर तक के लिए प्रभावी थी. इसे भी हाल में बढाकर 31 दिसंबर तक के लिए प्रभावी कर दिया गया है.

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