इस साल 21 प्रतिशत बढ़ गई सोयाबीन की पेराई, क्या खाद्य तेल की कीमतों में आएगी गिरावट?

इस साल 21 प्रतिशत बढ़ गई सोयाबीन की पेराई, क्या खाद्य तेल की कीमतों में आएगी गिरावट?

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि इस बार सोयाबीन आयात 5 लाख टन कम होने का अनुमान है. जबकि, सोयाबीन खली का निर्यात तीन गुना बढ़कर 18.36 लाख टन पर पहुंच गया है, जो एक आशाजनक बाजार बदलाव का संकेत है. वहीं, सितंबर में समाप्त होने वाले तेल वर्ष 2022-23 के दौरान, भारत का सोयाबीन खली निर्यात पिछले वर्ष के 6.44 लाख टन से लगभग तीन गुना बढ़कर 18.36 लाख टन हो गया.

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इस साल 21 प्रतिशत बढ़ गई सोयाबीन की पेराई, क्या खाद्य तेल की कीमतों में आएगी गिरावट?मार्केट में सोयाबीन की सप्लाई भी बढ़ी है. (सांकेतिक फोटो)

आने वाले महीनों में खाद्य तेलों की कीमत में गिरावट आ सकती है, क्योंकि मार्केट में सोयाबीन का आवक बढ़ने से इसकी पेराई में बंपर बढ़ोतरी हुई है. सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसओपीए) के मुताबिक, सप्लाई और डिमांड के तहत इस साल अक्टूबर तक 11.5 लाख टन सोयाबीन की पेराई की गई. जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 9.5 लाख टन था. यानी इस बार पिछले साल के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक सोयाबीन की पेराई हुई है. खास बात यह है कि अक्टूबर तक मार्केट में सोयाबीन की सप्लाई 20 लाख टन हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 17 लाख टन था. यानी इस साल मार्केट में पिछले साल के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक सोयाबीन की सप्लाई हुई.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट में सोयाबीन की सप्लाई बढ़ने से कीमतों में उछाल आई है. अक्टूबर महीने की शुरुआत में इंदौर में मॉडल सोयाबीन की कीमतें, एमएसपी स्तर 3,900 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम थीं. लेकिन महीने के अंत आते- आथे कीमतों में गजब की उछाल आई और रेट 4,845 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया. वहीं, वर्तमान में मॉडल सोयाबीन 5,010 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बिजनेस कर रहा है. खास बात यह है कि साल 2023-24 खरीफ मार्केटिंग सीज़न के लिए सोयाबीन का एमएसपी 4,600 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.

बढ़ गया उत्पादन

खास बात यह है कि सिर्फ सोयाबीन की पेराई में ही बढ़ोतरी नहीं हुई है, बल्कि उत्पादन में भी इजाफा हुआ है. अक्टूबर महीने में 9.07 लाख टन सोयामील का उत्पादन हुआ था, जो पिछले साल के  7.58 लाख टन से अधिक है.  वहीं, सोयाबीन खली निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. अक्टूबर के दौरान सोयाबीन खली का निर्यात एक लाख टन था, जो पिछले साल के 0.49 लाख टन के दोगुने से भी अधिक है. फीड क्षेत्र द्वारा सोयाबीन खली की घरेलू खपत 6.5 लाख टन रही, जो पिछले वर्ष के बराबर ही है. इसी तरह, खाद्य क्षेत्र की खपत 0.75 लाख टन रही.

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तीन गुना बढ़कर 18.36 लाख टन हो गया

SOPA का मानना ​​है कि 2023-24 तेल वर्ष के दौरान सोयाबीन का आयात पिछले साल के 7.03 लाख टन की तुलना में कम होकर 5 लाख टन रहेगा. सितंबर में समाप्त होने वाले तेल वर्ष 2022-23 के दौरान, भारत का सोयाबीन खली निर्यात पिछले वर्ष के 6.44 लाख टन से लगभग तीन गुना बढ़कर 18.36 लाख टन हो गया.

फॉरवर्ड स्टॉक 24.07 लाख टन होने का अनुमान है

चालू तेल वर्ष 2023-24 में, पिछले वर्ष का सोयाबीन का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक 24.07 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 25.15 लाख टन से थोड़ा अधिक है. SOPA का अनुमान है कि खरीफ 2023 सीज़न के दौरान फसल का उत्पादन 118.74 लाख टन होगा, जो पिछले साल के 124.11 लाख टन से कम है. इस तरह, चालू वर्ष 2023-24 के दौरान कुल उपलब्धता 149.26 लाख टन की तुलना में 142.81 लाख टन है, जोकि कम है.

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