चावल की खरीदारी में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, केंद्र ने 521 लाख टन खरीदने का रखा लक्ष्य 

चावल की खरीदारी में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, केंद्र ने 521 लाख टन खरीदने का रखा लक्ष्य 

केंद्र ने चालू खरीफ सीजन 2022-23 (अक्टूबर-मार्च) के दौरान लक्षित 521 लाख टन चावल में से 31 दिसंबर तक 68 प्रतिशत की खरीद की है. वही केंद्रीय पूल में चावल का स्टॉक 1 दिसंबर, 2022 तक 115.42 लाख टन था, जो एक साल पहले 213.03 लाख टन था.

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चावल की खरीदारी में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, केंद्र ने 521 लाख टन खरीदने का रखा लक्ष्य चावल की खरीदारी में 11 प्रतिशत की वृद्धि (सांकेतिक तस्वीर)

केंद्र ने चालू खरीफ सीजन 2022-23 (अक्टूबर-मार्च) के दौरान भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा खरीदे जाने वाले लक्षित 521 लाख टन चावल में से 31 दिसंबर तक 68 प्रतिशत की खरीद की है. वही उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और बिहार में अपेक्षित कमी की भरपाई के लिए केंद्र को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा में अतिरिक्त मात्रा में चावल की खरीद करनी पड़ सकती है. देश में खाद्यान्न भंडार को लेकर उठी आशंकाओं और सेंट्रल पूल में चावल के घटते स्टॉक और कुछ राज्यों में सूखे के बीच लक्ष्य हासिल करना सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. वही केंद्रीय पूल में चावल का स्टॉक 1 दिसंबर, 2022 तक 115.42 लाख टन था, जो एक साल पहले 213.03 लाख टन था.

हरियाणा में चावल की खरीद ज्यादा 

1 अक्टूबर से शुरू हुए मार्केटिंग सीजन में 31 दिसंबर तक चावल की खरीद 355.9 लाख टन तक पहुंच गई है. यह एक साल पहले की अवधि के दौरान 320.7 लाख टन से 11 प्रतिशत अधिक है, जैसा कि हालिया आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बिक्री का लाभ 63.9 लाख किसानों को मिला है. पंजाब और हरियाणा में क्रमशः 121.9 लाख टन और 39.5 लाख टन की खरीद पूरी कर ली गई है. जबकि पंजाब में खरीद 3.3 लाख टन (2.6 प्रतिशत कम) कम है, यह हरियाणा में 3 लाख टन अधिक (8.2 प्रतिशत अधिक) है.

तमिलनाडु में चावल की खरीद कम 

तमिलनाडु में खरीद एक साल पहले के 1.2 लाख टन के मुकाबले दिसंबर के दौरान शून्य थी और नवंबर में 82 प्रतिशत कम थी, जबकि अक्टूबर में यह एक साल पहले की अवधि से चार गुना अधिक थी. वही इस खरीफ सीजन में तमिलनाडु में चावल उत्पादन का लक्ष्य 19.9 लाख टन है जो 31 दिसंबर तक 5.8 लाख टन यानि 22 प्रतिशत अधिक है.

न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत 

तमिलनाडु में धान की मंडियों की कीमतें अक्टूबर में औसतन 1,909 रुपये से बढ़कर 2,028 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं, जबकि ग्रेड ए किस्म के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,060 रुपये प्रति क्विंटल है. सरकारी खरीद का बड़ा हिस्सा (85 प्रतिशत से अधिक) धान की ग्रेड ए किस्म है.

यूपी में चावल की खरीद 

उत्तर प्रदेश में, एक साल पहले 28.3 लाख टन की खरीदारी हुई थी उसके मुकाबले 27.6 लाख टन की खरीद की गई है, जो 2.5 प्रतिशत कम है. व्यापारियों ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में खरीद में और गिरावट आएगी जबकि पूर्वी हिस्से में पिछले साल के स्तर पर खरीद हो सकती है. यूपी में 40 लाख टन चावल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और खरीद पश्चिमी क्षेत्र में 31 जनवरी तक और पूर्वी भागों में 28 फरवरी तक जारी रहेगी.

अन्य राज्यों में खरीदारी में तेजी

बिहार एक और ऐसा राज्य है जहां सूखे के कारण खरीदारी कम हुई है. यहां पर 30 लाख टन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने में सफल नहीं रही है. मौजूदा खरीद, नवंबर में शुरू हुई और मार्च तक जारी रहेगी, जो साल भर पहले के स्तर के 8.5 लाख टन के बराबर है.

दूसरी ओर, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश ने दिसंबर के दौरान खरीद में 3 प्रतिशत, 62 प्रतिशत और 65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. छत्तीसगढ़ में इस सीजन में अब तक 48 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 52.6 लाख टन की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका मुख्य कारण खरीद एक महीने आगे बढ़ना है.  

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