देश के कई राज्यों में बारिश कोहरे का आलम, रबी फसलों को हो रहा फायदा 

देश के कई राज्यों में बारिश कोहरे का आलम, रबी फसलों को हो रहा फायदा 

इस समय जौ मौसम चल रहा है वह गेहूं की फसल के लिए बहुत अच्छा है. इस समय गेहूं के लिए मौसम जितना अनुकूल रहेगा उसकी उपज क्षमता उतनी ही बेहतर होगी. सिंचाई जितनी अच्छी होगी, गेहूं की पैदावार उतनी ही अच्छी होगी. मौजूदा मौसम गेहूं की फसल के लिए हर लिहाज से उपयुक्त है

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देश के कई राज्यों में बारिश कोहरे का आलम, रबी फसलों को हो रहा फायदा Wheat Crop

इस समय देशभर में मौसम का मिजाज बदल रहा है. जो गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद साबित होगा. तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस चल रहा है, जो फसल के लिए फायदेमंद है. कुछ जगहों पर थोड़ी ज्यादा बारिश हुई है, जिसका फसल पर सकारात्मक असर पड़ेगा. इतना ही नहीं जिन किसानों ने अगेती फसल बोई थी उनकी पानी की कमी भी दूर हो गई है. बारिश की वजह से पहली सिंचाई हो गई है. इसके अलावा जिन किसानों की बुआई समय पर हो गई है, उनमें अंकुरण हो गया है. ऐसे में हल्की बारिश से सकारात्मक असर पड़ेगा. गेहूं की बुआई के लिए तैयार किसानों को अभी 2 से 3 दिन इंतजार करना पड़ेगा.

इन क्षेत्रों में धान की कटाई लेट

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद के डायरेक्टर डॉ ज्ञानेंद्र सिह के मुताबिक हरियाणा के 500 किलोमीटर क्षेत्र का भ्रमण किया. जिसमें करनाल से कैथल, जींद, नरवाना, रतिया, फतियादाबाद, सिरसा, हिसार शामिल हैं. इन क्षेत्रों में केवल रतिया ही ऐसा क्षेत्र है, जहां पर धान की कटाई लेट हुई है. बाकी 20 से 25 क्षेत्र में गेहूं की बिजाई पैडिंग है. इसके अलावा हरियाणा में करीब 90 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं की बिजाई हो चुकी है.

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गेहूं की फसल के लिए बारिश वरदान

इस समय जौ मौसम चल रहा है वह गेहूं की फसल के लिए बहुत अच्छा है. इस समय गेहूं के लिए मौसम जितना अनुकूल रहेगा उसकी उपज क्षमता उतनी ही बेहतर होगी. सिंचाई जितनी अच्छी होगी, गेहूं की पैदावार उतनी ही अच्छी होगी. मौजूदा मौसम गेहूं की फसल के लिए हर लिहाज से उपयुक्त है.

भारत सरकार ने तय किया गेहूं का लक्ष्य

भारत सरकार ने 114 मिलियन टन गेहूं का लक्ष्य रखा है. गेहूं की फसल 32 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई जाती है. हरियाणा और पंजाब में गेहूं की औसत पैदावार अन्य राज्यों से अधिक है. हरियाणा और पंजाब राज्यों की खासियत यह है कि इन दोनों राज्यों में गेहूं की अगेती बुआई होती है. जिसके कारण दोनों राज्यों की औसत उपज अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ी अधिक है. क्योंकि यहां ठंड का मौसम मध्य भारत की तुलना में अधिक समय तक रहता है. अधिक उपज का कारण यह है कि यहां कोहरा रहता है, जिसके कारण तापमान कम रहता है. हरियाणा और पंजाब में नई किस्मों और नई प्रौद्योगिकियों के बारे में अधिक जागरूकता है. ऐसे में जो तकनीकें उन्हें दी जाती है वो उन्हें तेजी से अपनाते हैं.

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