मोटे अनाज (Millets) के बाजार में अब वैसी कंपनियां भी शामिल हो गई हैं, जिनका नाम देश-दुनिया में मशहूर है. मोटे अनाजों के प्रोडक्ट बनाने में दुनिया की कई मल्टीनेशनल कंपनियां आगे आई हैं जो बिस्कुट से लेकर कुकीज और पोहा, डोसा मिक्स से लेकर ओट्स तक बना रही हैं. ये कंपनियां मिलेट से ही मुसली, ग्रेनोला, उपमा, पोहा और नूडल्स जैसे खाने के सामान बना रही हैं. मल्टीनेशनल कंपनियों ने भारत के बाजार में अपना प्रोडक्ट उतारना शुरू कर दिया है. साथ ही निर्यात के लिए भी किस्म-किस्म के मिलेट प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं. इससे उन किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी जो मोटे अनाजों की खेती करते हैं. फूड बिजनेस में आ रहे इस बड़े बदलाव से देश में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा मिल रहा है.
कंपनियों ने मोटे अनाज से बने प्रोडक्ट को न्यूट्री सिरियल्स यानी की पोषक अनाज का नाम दिया है. इस कड़ी में ज्वार, बाजरा और रागी के फूड प्रोडक्ट अधिक बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा कंपनियों ने तरह-तरह के मोटे अनाजों से मुसली, ग्रेनोला, उपमा, पोहा, नूडल्स, ओट्स, डोसा मिक्स, बिस्कुट, कूकीज, चिप्स आदि बनाना शुरू कर दिया है. अब इन प्रोडक्ट का बाजार भी तेजी पकड़ रहा है क्योंकि मोटे अनाज से बने सामान सेहत की दृष्टि से लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं.
ये सभी कंपनियां किसानों से मोटे अनाजों की खरीदारी करेंगी. सीधे तौर पर न सही, लेकिन किसान उत्पादक संगठनों से कंपनियां मोटे अनाज खरीदेंगी और उससे अपने प्रोडक्ट बनाकर बाजार में उतारेंगी. आईटीसी इसके लिए 20 किसान उत्पाद संगठनों से बात कर रही है जिसने मिलेट सप्लाई के लिए करार किया जाएगा. इससे मोटे अनाजों के किसानों को फायदा होगा क्योंकि उनकी उपज आसानी से बिक जाएंगी और बड़ी-बड़ी कंपनियां अच्छे दामों पर खरीद करेंगी.
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