मिचौंग से आंध्र प्रदेश में तंबाकू की फसल को भारी नुकसान, किसान ऐसे कर सकते हैं खर्च की भरपाई

मिचौंग से आंध्र प्रदेश में तंबाकू की फसल को भारी नुकसान, किसान ऐसे कर सकते हैं खर्च की भरपाई

मिचौंग ने भले ही तबाही मचाई हो, लेकिन किसानों का मनोबल नहीं टूटा है. प्रकाशम और नेल्लोर जिले में वे अभी खेतों में फिर से तंबाकू की रोपाई कर रहे हैं. फसल नियामक द्वारा तैयार किए गए एक अनुमान में कहा गया है दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में तंबाकू का रकबा 70,000 हेक्टेयर के आंकड़े को पार कर सकता है.

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मिचौंग से आंध्र प्रदेश में तंबाकू की फसल को भारी नुकसान, किसान ऐसे कर सकते हैं खर्च की भरपाईतूफान से तंबाकू की फसल तबाह. (सांकेतिक फोटो)

चक्रवाती तूफान मिचौंग से दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में तंबाकू उत्पादकों को भारी नुकसान पहुंचा है. तूफान की वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी खेत में खड़ी तंबाकू की फसल बर्बाद हो गई. हालांकि, इसके बावजूद भी किसान निराश नहीं हैं. उन्हें बेहतर उपज की उम्मीद है.  तम्बाकू बोर्ड क्षेत्रीय के अनुसार, मिचौंग के बाद, दक्षिणी काली मिट्टी (एसबीएस) और दक्षिणी हल्की मिट्टी (एसएलएस) क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले उद्यमशील किसानों ने इस सर्दी में 66,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तंबाकू की खेती की है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 63,500 हेक्टेयर में तम्बाकू की खेती की गई थी. 

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, मिचौंग ने भले ही तबाही मचाई हो, लेकिन किसानों का मनोबल नहीं टूटा है. प्रकाशम और नेल्लोर जिले में वे अभी खेतों में फिर से तंबाकू की रोपाई कर रहे हैं. फसल नियामक द्वारा तैयार किए गए एक अनुमान में कहा गया है दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में तंबाकू का रकबा 70,000 हेक्टेयर के आंकड़े को पार कर सकता है, क्योंकि किसान जोर-शोर से तंबाकू के पौधे लगा रहे हैं. हालांकि, किसान मजदूरों की भारी कमी से जूझने को मजबूर हैं.

तम्बाकू की अच्छी कीमत मिलेगी

चेकुरापाडु के एक किसान ने कहा कि हम कृषि श्रमिकों को मजदूरी के रूप में 30 प्रतिशत अधिक भुगतान करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि किसान आशावादी होते हैं. इस तूफान के बाद भी उन्हें उम्मीद है कि रबी सीजन में उन्हें बंपर उपज मिलेगी, जिससे वे अधिक से अधिक कमाई कर पाएंगे. क्योंकि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में बाजार की अच्छी स्थिति है, जहां तम्बाकू की अच्छी कीमत मिलेगी.

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पिछले वर्ष इसका रेट 228 रुपये प्रति किलो था

दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के किसानों ने 123 मिलियन किलोग्राम तम्बाकू की बिक्री की है. इस वर्ष ई-नीलामी के दौरान औसतन 216 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकॉर्ड कीमत लगाई गई. ऐसे में किसान नेता रामंजनेयुलु का कहना है कि हमें उम्मीद है कि इस रबी सीजन में भी हमें तैयार पत्तियों के लिए लाभकारी मूल्य मिलेगा, क्योंकि मैसूरु क्षेत्र में औसत कीमत 247 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. जबकि पिछले वर्ष इसका रेट 228 रुपये प्रति किलो था.

किस्मों की मांग में वृद्धि देखने को मिलेगी

एक अन्य किसान नेता टी.रामनैया ने कहा कि हमें उम्मीद है कि गुणवत्तापूर्ण पत्ती की वैश्विक मांग में बढ़ोतरी के कारण उज्ज्वल और मध्यम श्रेणी की किस्मों की मांग में वृद्धि देखने को मिलेगी. इस बीच, लक्ष्मण राव ने सुझाव दिया कि किसान फसल की रुकी हुई वृद्धि को दूर करने और खेतों में सिंचाई की व्यवस्था करने के लिए अमोनियम सल्फेट का उपयोग करें. विशेष रूप से एसएलएस क्षेत्र में जहां इस वर्ष पहले दो उपचारों में निम्न श्रेणी की किस्मों का वर्चस्व था.

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