Mandi Rate: स‍िर्फ तीन से चार रुपये क‍िलो तक रह गया टमाटर का औसत दाम, जान‍िए महाराष्ट्र में क्या है मंडी भाव? 

Mandi Rate: स‍िर्फ तीन से चार रुपये क‍िलो तक रह गया टमाटर का औसत दाम, जान‍िए महाराष्ट्र में क्या है मंडी भाव? 

Tomato Price: महाराष्ट्र टमाटर का प्रमुख उत्पादक है. लेकिन यहां किसानों को टमाटर का दाम बेहद कम मिल रहा है. जिसके चलते परेशान किसान बाज़ार में टमाटर बेचने के बजाए फेंकने पर मजबूर हैं. कई मंडियों में तो किसानों को टमाटर का भाव सिर्फ 1 रुपये प्रति किलो तक ही मिल रहा है.

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Mandi Rate: स‍िर्फ तीन से चार रुपये क‍िलो तक रह गया टमाटर का औसत दाम, जान‍िए महाराष्ट्र में क्या है मंडी भाव? टमाटर का किसानों को कितना मिल रहा हैं दाम ?

इस समय महाराष्ट्र में टमाटर उत्पादक किसान संकट में हैं. क्योंकि कीमतों में भारी गिरावट आई है. राज्य की कई मंड‍ियों में इतना कम दाम मिल रहा है क‍ि खेत से वहां तक ले जाने का खर्च भी नहीं न‍िकल रहा है. क‍िसानों का कहना है क‍ि दो रुपये क‍िलो बेचने से अच्छा उसे फेंक देना है. छत्रपति संभाजीनगर, औरंगाबाद और लातूर में क‍िसान कम दाम से परेशान हैं और वो टमाटर फेंक रहे हैं. सोलापुर जिले के मंगलवेढ़ा मंडी में आवक बढ़ने के साथ ही यहां पर टमाटर का औसत दाम स‍िर्फ 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रह गया है. न्यूनतम दाम स‍िर्फ 100 और अध‍िकतम 500 रुपये क्व‍िंटल रह गया है. वहीं अहमदनगर जिले के संगमनेर तालुका के मंडी में टमाटर का न्यूनतम दाम 250 और अध‍िकतम 500 रुपये क्व‍िंटल रह और औसत दाम 375 क्व‍िंटल रहा.

किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ टमाटर की खेती में करीब एक लाख रुपये तक का खर्च आता है, ऐसे में जो भाव मंडी में 1 से 2 रुपये किलो में मिल रहा है किसान इसमें कैसे अपना गुजारा कर पाएगा.टमाटर की खेती करने वाले क‍िसान इस बात से हैरान और परेशान हैं क‍ि इतनी जल्दी कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है क‍ि समझ में नहीं आ रहा है क‍ि क्या करें. खेती करें या न करें. जब दाम बढ़ता है तो सरकार उसे ग‍िराने पर लग जाती है और घटता है तो गायब हो जाती है. टमाटर की फसल पर मोटा खर्च क‍िया और जब र‍िटर्न देने की बात आई तो दाम रह गया दो-चार रुपये क‍िलो. पहले से ही क‍िसान सूखे की वजह से परेशान हैं. कपास और सोयाबीन जैसी कई फसलें पानी के अभाव में सूख रही हैं. महाराष्ट्र की कई मंड‍ियों में टमाटर का दाम ग‍िर गया है. इससे क‍िसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. किसान टमाटर बाज़ार में बेचने के बजाए सड़कों पर फेकने पर मजबूर है.

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टमाटर का उत्पादन 

भारत में टमाटर का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में लगभग सभी राज्यों में होता है. अधिकतम उत्पादन दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, ज‍िनका योगदान करीब 58 फीसदी का है. विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीजन भी अलग-अलग होते हैं. बुवाई और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन की मौसमी-भिन्नता टमाटर की कीमतों में मौसमी उतार-चढ़ाव के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. आंध्र प्रदेश देश का 15 फीसदी उत्पादन के साथ देश का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है. इसी तरह 13 फीसदी उत्पादन के साथ मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है. कर्नाटक 10 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर है. 

क‍िस मंडी में क‍ितना है दाम 

  • राहुरी 13 स‍ितंबर को 35 क्व‍िंटल टमाटर की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 200,अध‍िकतम 1000 और औसत 600 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.  
  • कोल्हापुर मंडी में 13 स‍ितंबर को 267 क्व‍िंटल टमाटर की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 300, अध‍िकतम 1000 और औसत 700
  •  रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • सोलापुर की मंगलवेढा मंडी में 84 क्व‍िंटल टमाटर की आवक हुई. आवक बढ़ने की वजह से यहां पर टमाटर का न्यूनतम दाम घटकर स‍िर्फ 100 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रह गया. अध‍िकतम दाम 500 जबक‍ि औसत भाव 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • पिंपलगांव बसवंत मंडी में 3390 क्व‍िंटल टमाटर की आवक हुई. यहां पर न्यूनतम दाम 155 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. अध‍िकतम दाम     955जबक‍ि औसत भाव 500 रुपये क्व‍िंटल रहा. 
  • नासिक के चांदवाड मंडी में स‍िर्फ 20 क्विंटल टमाटर की आवक हुई. इसके बावजूद यहां पर न्यूनतम दाम 250 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल ही रहा. अध‍िकतम भाव 625 जबक‍ि औसत 450 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.      (स्रोत: महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड)

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