भारत में चावल निर्यात कीमतों में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट जारी रही है. अफ्रीकी मांग में सुस्ती के कारण उबले टूटे चावल की निर्यात कीमतें लुढ़क गई हैं. भारत के अलावा दूसरे एशियाई निर्यातक देशों में वियतनाम के चावल की कीमत में बढ़ोत्तरी आई है, जबकि थाइलैंड में गिरावट दर्ज की गई है. जबकि, आपूर्ति के लिए इंडोनेशिया की बढ़ती बोली के चलते वियतनाम के चावल की कीमतें बढ़ गईं.
शीर्ष निर्यातक भारत की 5 फीसदी उबले टूटा चावल की कीमत इस सप्ताह 543-550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन दर्ज की गई है. जबकि, पिछले सप्ताह 548-555 डॉलर प्रति टन थी और इस महीने की शुरुआत में यह कीमत 560 डॉलर प्रति टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची थी. कीमत में लगातार गिरावट की वजह अफ्रीकी मांग में गिरावट के कारण आई है.
भारत में चावल निर्यात कीमत में गिरावट की वजह ट्रेडर्स बाहर से आने वाली मांग कमजोर होने को बता रहे हैं. जबकि, घरेलू कीमतें काफी हद तक एक समान बनी हुई हैं. नई दिल्ली स्थित एक निर्यातक ने कहा कि अफ्रीकी खरीदार इंतजार करो और देखो की स्थिति में हैं, क्योंकि उनके पास कम समय की मांग को पूरा करने के लिए जरूरी चावल स्टॉक मौजूद है. वे नई खरीदारी करने से पहले कीमतों के सही होने का इंतजार कर रहे हैं.इंडस्ट्री अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा 20 फीसदी निर्यात शुल्क के लिए कैलकुलेशन सिस्टम को बदलने के बाद भारतीय व्यापारी उबले चावल के निर्यात के लिए कुछ नए कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर रहे हैं.
भारत के अलावा दूसरे एशियाई निर्यातक देशों में वियतनाम के चावल की कीमत में बढ़ोत्तरी आई है, जबकि थाइलैंड में गिरावट दर्ज की गई है. वियतनाम में 5 फीसदी टूटे हुए चावल की कीमत 590-595 डॉलर प्रति मीट्रिक टन है, जबकि एक सप्ताह पहले यह 585 डॉलर प्रति टन थी. रिपोर्ट में कहा गया कि इस सप्ताह की शुरुआत में इंडोनेशिया की ओर से 300,000 टन अतिरिक्त आपूर्ति के लिए टेंडर्स मांगने के बाद कीमतें ऊंची हो गईं. वहीं, थाईलैंड के 5 फीसदी टूटे चावल की कीमतें 598 डॉलर प्रति टन दर्ज की गईं, जो पिछले सप्ताह 615 डॉलर प्रति टन से कम है.
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