अक्सर लोगों को लगता है कि टमाटर का रंग सिर्फ लाल ही होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि टमाटर का रंग काला भी होता है. बता दें लाल टमाटर के अलावा अब भारत में भी काले टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. खास बात यह है कि काले टमाटर में काफी अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. साथ ही दिन-पर-दिन इसके बढ़ते डिमांड को देखते हुए अगर किसान इसकी खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं. तो आइए आज जानते काले टमाटर की खासियत से लेकर खेती और कमाई तक का पूरा हिसाब.
बता दें कि काले टमाटर की खेती सबसे पहले इंग्लैंड में शुरू हुई थी. इंग्लैंड में लोग काले टमाटर को इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से जानते हैं. हालांकि, पूरे यूरोप में लोग काले टमाटर को 'सुपरफूड' के रूप में इस्तेमाल करते हैं. बात अगर भारत की करें तो, यहां पर सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में काले टमाटर की खेती शुरू हुई, पर अब हिमाचल के अलावा अब दूसरे राज्यों के किसान भी काले टमाटर की खेती करने लगे हैं. लेकिन अभी भी कुछ किसानों को इस टमाटर की खेती के बारे में जानकारी नहीं है.
काला टमाटर बीज शुरुआत में हल्का काला होता है और फिर पकने के बाद पूरा काला हो जाता है. ये जल्दी खराब नहीं होता, सड़ता नहीं है, इसमें लाल टमाटर की अपेक्षा कम बीज होते हैं. इसे तोड़ने के बाद कई दिनों तक रखा जा सकता है, और ये ताजा बना रहता है. ये टमाटर देखने में ऊपर से काला होता है लेकिन अंदर से लाल होता है. इसका स्वाद लाल टमाटर जैसा नहीं होता है, बल्कि ये थोड़ा नमकीन होता है. इसके बीज लाल टमाटर की तरह ही होते हैं.
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काले टमाटर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. यह गर्म जलवायु में तेजी से ग्रोथ करता है. अगर भारत के किसान काले टमाटर की खेती करते हैं, तो उन्हें बंपर उपज मिलेगी, क्योंकि यहां की जलवायु गर्म है. काले टमाटर के पौधों में फल थोड़ी देर से आते हैं. वहीं, लाल टमाटर की तरह ही काले टमाटर की भी खेती की जाती है. बात करें बुवाई की तो काले टमाटर की बुवाई करने के लिए दिसंबर और जनवरी का महीना सबसे सही रहता है. जब आप इस समय काले टमाटर की बुवाई करते हैं तो मार्च-अप्रैल तक आपको इसकी फसल मिलना शुरू हो जाती है. हालांकि, इसकी पैदावार लाल रंग के टमाटरों के मुकाबले थोड़ी देरी से शुरू होती है.
लाल टमाटर की तुलना में काले टमाटर में औषधीय गुण ज्यादा पाए जाते हैं. काला टमाटर बाहर से काला और अंदर से लाल होता है. अगर आप कच्चे टमाटर का सेवन करते हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह स्वाद में न ज्यादा खट्टा होता है न ज्यादा मीठा होता है, इसका स्वाद नमकीन जैसा होता है. यह वजन कम करने से लेकर, शुगर लेवल को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने में भी उपयोगी है. वहीं, इसका नियमित सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी काफी फायदा मिलता है.
काले टमाटर की डिमांड मार्केट में काफी तेजी से बढ़ रही है. कई ऑनलाइन कंपनियां इसे बेच रही हैं, इसी के साथ देश की बड़ी मंडियों में आजकल ये टमाटर आने लगा है. खर्च की बात की जाए तो काले टमाटर की खेती में लाल टमाटर के बराबर ही खर्च आता है. वहीं, एक अनुमान के मुताबिक, काले टमाटर की खेती का खर्च निकालने के बाद किसान 4 से 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है. यानी किसान 3 से 4 महीने में लखपति बन जाएंगे. वहीं, बाजारों में अभी काले टमाटर का रेट लगभग 100 से 150 रुपये किलो के बीच है.
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