गेहूं की फसल पर नहीं होगा हीटवेव का असर, 60 प्रतिशत क्षेत्र में होगी जलवायु अनुकूल किस्मों की खेती

गेहूं की फसल पर नहीं होगा हीटवेव का असर, 60 प्रतिशत क्षेत्र में होगी जलवायु अनुकूल किस्मों की खेती

रबी सीजन में औसतन 648.33 लाख हेक्टेयर में खेती होती है. वर्तमान समय तक करीब 248.59 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. विशेष तौर पर इस साल 60 प्रतिशत गेहूं क्षेत्र में जलवायु अनुकूल किस्मों की बुवाई का लक्ष्य है. देश मे गेहूं का ज्यादातर बीज जलवायु अनुकूल किस्मों के बिके हैं. कृषि मंत्रालय ने की समीक्षा बैठक.

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गेहूं की फसल पर नहीं होगा हीटवेव का असर, 60 प्रतिशत क्षेत्र में होगी जलवायु अनुकूल किस्मों की खेतीwheat crop

कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों के संबंध में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया. जिसमें बताया गया कि इस वर्ष गेहूं के करीब 60 फीसदी क्षेत्र में जलवायु अनुकूल किस्‍मों की बुवाई होगी. इसकी फसल पर मार्च में चलने वाली हीटवेव का असर नहीं होगा. ऐसी किस्‍मों से उत्‍पादन में स्थिरता लाने में सहजता होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए एक निगरानी समिति का गठन करने का सुझाव दिया है. दरअसल, यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि ज्यादा लू की चपेट में आने से गेहूं का उत्पादन कम न हो.

बैठक में खरीफ फसलों के प्रदर्शन एवं अनुमानित उपज के संदर्भ में यह बताया गया कि मॉनसून की देरी और अगस्‍त माह में कम बरसात से फसलों की बढ़वार प्रभावित हुई. लेकिन सितंबर में मॉनसूनी वर्षा ज्‍यादातर प्रदेशों में सामान्‍य रहने से खरीफ का उत्‍पादन अधिक प्रभावित नहीं होने की संभावना है.

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अधिकारियों ने रबी फसल के बारे में क्या बताया?

रबी की बुवाई के संदर्भ में बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मृदा में नमी की औसत मात्रा अच्‍छी है. बुवाई का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है. रबी सीजन में औसतन 648.33 लाख हेक्टेयर में खेती होती है. वर्तमान समय तक करीब 248.59 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. विशेष तौर पर इस साल 60 प्रतिशत गेहूं क्षेत्र में जलवायु अनुकूल किस्मों की बुवाई का लक्ष्य है. देश मे गेहूं का ज्यादातर बीज जलवायु अनुकूल किस्मों के बिके हैं.

वैज्ञान‍िकों ने किसानों को क्या दी है सलाह

इस समय गेंहू की बुवाई चल रही है. इस बीच पूसा के वैज्ञान‍िकों ने इसकी खेती के बारे में एक एडवाइजरी जारी की है. ज‍िसमें कहा है क‍ि क‍िसान बुवाई से पहले खेतों में पलेवा करें. उन्नत बीजों और खाद की व्यवस्था करें. वैज्ञान‍िकों ने गेहूं की उन्नत प्रजातियों की भी जानकारी दी है. उन्होंने बताया क‍ि क‍िसान सिंचित परिस्थिति में एचडी 3226, एचडी 2967, एचडी 3086, एचडी सीएसडब्लू 18, डीबीडब्लू 370, डीबीडब्लू 371, डीबीडब्लू 372 और डीबीडब्लू 327 की बुवाई करें. बीज की मात्रा 100 क‍िलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें. जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो तो क्लोरपाईरिफास 20 ईसी @ 5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से पलेवा के साथ दें.

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