इस साल सर्दी के सितम के बीच हरियाणा में बारिश नदारद रही है. इस बार के सर्दी में जहां देश के कई राज्यों में थोड़ी-बहुत बारिश हुई है वहीं हरियाणा में अभी तक बारिश नहीं हुई है. दरअसल हरियाणा में लगभग 8 सालों के बाद जनवरी के महीने में बारिश नहीं हुई है. यहां वर्ष 2016 में फरवरी में 1.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों में कहा गया है कि हरियाणा में औसतन 9.3 मिमी बारिश होती है, लेकिन अब तक कोई बारिश दर्ज नहीं की गई है. आईएमडी ने कहा है कि अगले सप्ताह बारिश की संभावना कम है, हालांकि क्षेत्र में ठंडी हवाएं चल रही हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार बारिश की कमी देखी जा रही है. जिसका बड़ा असर खेती की लागत बढ़ने पर देखा जा सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि रबी फसलों में पीला रतुआ लगने का खतरा बढ़ गया है और फसलों को जरूरी पोषक तत्व भी नहीं मिल रहे हैं इससे किसानों को अधिक से अधिक खाद डालने की जरूरत पड़ेगी, जिसका उनका लागत खर्च बढ़ेगा.
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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के गेहूं वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश बिश्नोई ने (दि ट्रिवयून) से बात करते हुए कहा कि लंबे समय तक ठंड और धूप के अभाव के कारण फसलों पर दबाव है. वहीं फसलों को सूरज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गेहूं के पौधे पीले पड़ने लगे हैं, जो दर्शाता है कि वे बारिश की कमीऔर माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी से पीड़ित हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को हल्की सिंचाई का सहारा लेने की सलाह दी है. वहीं गेहूं, सरसों और अन्य फसलों की भी हल्की सिंचाई करने की जरूरत है.
डॉ. बिश्नोई ने किसानों को गेहूं में पीला रतुआ से भी सावधान रहने को कहा है कि ये पीले रतुआ के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां हैं. किसानों उन्हें एचएयू की सलाह के अनुसार फसलों पर लगातार नजर रखनी चाहिए और मिश्रण का छिड़काव करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियां गेहूं की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं. एचएयू के कृषि-मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. एमएल खीचड़ ने कहा कि यह दुर्लभ है कि अब तक बारिश नहीं हुई है.
इस बीच, हरियाणा के लिए बुधवार अत्यधिक ठंडा दिन था क्योंकि हिसार में अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और फतेहाबाद में 8.2 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से लगभग 10 डिग्री कम है. वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस महेंद्रगढ़ में दर्ज किया गया.
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