हरियाणा में शीतलहर भारी पर टशन में `तरकारी...` किसानों को सतर्क रहने की एडवाइजरी

हरियाणा में शीतलहर भारी पर टशन में `तरकारी...` किसानों को सतर्क रहने की एडवाइजरी

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. मदन लाल ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी सब्जी की फसलों को अधिक ठंड और पाले से बचाने के लिए सावधानी बरतें. उन्होंने कहा कि सब्जी की फसलों पर शीतलहर का कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिख रहा है.

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हरियाणा में शीतलहर भारी पर टशन में `तरकारी...` किसानों को सतर्क रहने की एडवाइजरीसब्जी की फसलें

हरियाणा में शीतलहर का प्रकोप जारी है, जिससे कई जिलों में ठिठुरन बढ़ गई है. अधिकतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने के बावजूद शीतलहर जारी है. दिन के तापमान में मामूली गिरावट से कुछ राहत मिली है. वहीं, कृषि विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि शीतलहर ने अभी तक टमाटर, आलू, सरसों और अन्य सब्जियों जैसी सब्जियों की फसलों को कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है. लेकिन उन्होंने किसानों को फसल सुरक्षा करने के लिए एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है. हालांकि, मौजूदा ठंड की स्थिति गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है.

न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, हिसार में न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है, औसत न्यूनतम तापमान में केवल 0.1 डिग्री सेल्सियस की मामूली गिरावट आई है. हिसार के बालसमंद में राज्य में सबसे कम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अन्य जिलों में तापमान अंबाला (8.4 डिग्री सेल्सियस), करनाल (7.8 डिग्री), महेंद्रगढ़ (3.8 डिग्री), रोहतक (8.2 डिग्री), गुरुग्राम (6.2 डिग्री), जींद (7.5 डिग्री), सिरसा (5.7 डिग्री) और यमुनानगर (9.5 डिग्री सेल्सियस) रहा.

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सब्जियों पर शीतलहर का प्रभाव नहीं

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. मदन लाल ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी सब्जी की फसलों को अधिक ठंड और पाले से बचाने के लिए सावधानी बरतें. उन्होंने कहा कि सब्जी की फसलों पर शीतलहर का कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिख रहा है, लेकिन किसानों को फसलों को ढकने के लिए और मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए ड्रिप/स्प्रिंकलर या हल्की सिंचाई जैसे उपाय अपनाने चाहिए.

फसलों में नमी बनाए रखना जरूरी

उन्होंने कहा कि सरकार लो टनल तकनीक के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई पर भी सब्सिडी दे रही है और किसान मानदंडों को पूरा करने के बाद इसका लाभ उठा सकते हैं. साथ ही शीतलहर के सकारात्मक पहलू पर प्रकाश डालते हुए कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि शीतलहर गेहूं की फसलों के लिए फायदेमंद है और इससे बेहतर उपज होगी. आईएआरआई के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने कहा कि इस अवधि के दौरान नमी बनाए रखने और फसलों की सुरक्षा के लिए हल्की सिंचाई की जरूरत होती है.

जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि

आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम रहा और फरीदाबाद में सबसे अधिक 17.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. हालांकि, बुधवार के मुकाबले अधिकतम तापमान में 1.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई. अंबाला में 13.3 डिग्री सेल्सियस, हिसार (15 डिग्री सेल्सियस), करनाल (13 डिग्री), नारनौल (14.6 डिग्री), रोहतक (14.4 डिग्री), सिरसा (16.8 डिग्री), गुरुग्राम (14 डिग्री), जींद (14 डिग्री), कुरुक्षेत्र (13.7 डिग्री), पानीपत (14 डिग्री) और सोनीपत (14.5 डिग्री सेल्सियस) में अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.

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