
यूपी के कानपुर जिले में एक प्रगतिशाल किसान हरि मिश्र ने 20 बीघा जमीन पर देसी-विदेशी फलों की अलग-अलग किस्मों के करीब 3500 पौधे लगाए हैं. उनके द्वारा लगाए गए पौधों को देश के अलग-अलग राज्यों से लोग अब गोद लेना शुरू कर दिया है. कानपुर जिले के नर्वल तहसील के बिरहर गांव में आपको किन्नू, मौसमी, थाई कटहल, एप्पल बेर, अनार, ताइवानी अमरूद जैसी दर्जनों किस्म के पेड़ मिल जाएंगे. बता दें कि हरि मिश्र पेशे से पत्रकार रहे है, और 25 साल तक पत्रकारिता करने के बाद अब अलग किस्म की खेती-बाड़ी के इस फार्मूले पर काम कर रहे हैं.
किसान तक से बातचीत में हरि मिश्र ने बताया कि परंपरागत खेती से कुछ अलग करने की चाहत और पीएम नरेंद्र मोदी की बागवानी को लेकर दी गई प्रेरणा से आज सैंकड़ों लोग हमारे खेत में पौधों के बुक करा रहे है. जहां एक तरफ लोगों को शुद्ध पर्यावरण मिल रहा है, तो दूसरी तरफ लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच में कुछ टाइम निकाल के पुण्य कमा रहे है.
हरि मिश्र बताते हैं कि इसके लिए हमने सोशल मीडिया का ही सहारा लिया, जिसमें लोगों को बताया कि पौधा भी हमने ही लगाया है और परवरिश भी हम ही करेंगे. आप यहां पर तैयार हो रहे पौधे को गोद लेकर पुण्य कमा सकते हैं. फिर क्या लोगों का प्रकृति प्रेम उमड़ा और अब तक देश के कई राज्यों के कई सैकड़ों लोग पौधे गोद ले चुके हैं.
उन्होंने बताया कि पौधे फ्री में मिलते है, लेकिन बुकिंग चार्ज 500 रुपये रखा गया है. जिसमें 200 रजिस्ट्रेशन और 300 नेम प्लेट का. आज हालात ऐसे है कि देश के अगल-अलग राज्यों के लोग यहां आकर पौधों को गोद ले रहे है. हरि मिश्र ने बताया कि बाग में पंजाबी किन्नू, पंजाबी मौसमी, थाई और देशी कटहल, एपल बेर, आम,अनार, ताइवानी अमरूद, देशी अमरूद, अमेरिकन डेजी किन्नू, देशी नींबू, लाहौरी नींबू के फलदारी पौधे लगे हैं. सभी में जैविक खाद पेड़ों में डाली जाती है. यहां बगीचे कि निगरानी के लिए 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. जिससे बगीचे में होने वाली हलचल पर नजर रखी जाती है.
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हम इन सभी पौधे पंजाब के अलावा हिमाचल और कश्मीर से मंगवाए गए हैं. बाग में बेरिकेडिंग,पौधों की कीमत, पौधे लगवाने में खर्च, जुताई और सिंचाई में 2 लाख रुपए खर्च रुपए आए हैं. हरि मिश्र के मुताबिक फिलहाल तो एप्पल बेर के पौधे से लागत निकालकर 40 हजार रुपये का मुनाफा हुआ है, लेकिन आने वाले वक्त में जब सभी पौधे तैयार हो जाएंगे तो लाखों में फायदा होगा. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि कुछ समय प्रकृति को दे. जिससे आने वाला भविष्य स्वस्थ रहे.
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