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गर्मियों के मौसम में नींबू का बंपर उत्पादन कर रहा फर्रुखाबाद का यह किसान, जानें मोटी कमाई का फंडा

गर्मियों के मौसम में नींबू का बंपर उत्पादन कर रहा फर्रुखाबाद का यह किसान, जानें मोटी कमाई का फंडा

उन्नतशील किसान राघवेंद्र सिंह ने बताया 200 लीटर के ड्रम में 100 लीटर पानी वह रखते हैं. इसमें 10 लीटर मट्ठा, अपनी देशी गाय के एक लीटर गोबर को फिल्टर कर उसका रस व 10 लीटर गोमूत्र डालते हैं.

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फर्रुखाबाद के किसान राघवेंद्र सिंह राठौर (Photo-Kisan Tak) फर्रुखाबाद के किसान राघवेंद्र सिंह राठौर (Photo-Kisan Tak)

Nimbu Ki Kheti: नींबू की खेती कम खर्च में अधिक मुनाफे वाली फसल है. इसके पौधों को केवल एक बार लगाने के बाद किसान लगभग 10 सालों तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. गर्मियों के मौसम में नींबू (Lemon farming) एक नगदी फसल मानी जाती हैं.आमतौर पर यह फसल साल में तीन बार तैयार होती है. फर्रुखाबाद के किसान राघवेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि नींबू की खेती करने के लिए अधिक लागत नहीं आती है. खाली पड़े खेत में जैविक फसलों की खाद बना कर खेत में मिला दें. वहीं, नींबू के पौधों को बड़ा होने पर इसमें खुद तैयार किए गए रसायन के मिश्रण को डाल दें. इससे पौधे में पर्याप्त पोषक तत्व पहुंच जाते हैं. ऐसे करने से फसल की पैदावार में वृद्धि होती है. इस समय प्रति एक बीघा में मात्र 10 हजार रुपये की लागत से किसान 50 से 60 हजार रुपये की कमाई आसानी से कर रहे हैं.

10 लीटर गोमूत्र से तैयार किया घोल

उन्नतशील किसान राघवेंद्र सिंह ने बताया 200 लीटर के ड्रम में 100 लीटर पानी वह रखते हैं. इसमें 10 लीटर मट्ठा, अपनी देशी गाय के एक लीटर गोबर को फिल्टर कर उसका रस व 10 लीटर गोमूत्र डालते हैं. इसके साथ ही 2 किलो बेसन, 5 किलो गुड़ या सीरा, 500 ग्राम नमक, तांबे की धातु का टुकड़ा, लोहे की कील या सरिया का टुकड़ा भी घोल में डाल देते हैं. तीन किलो यूरिया व 5 किलो डीएपी खाद भी डालते हैं. करीब 15 दिन में जैविक घोल तैयार हो जाता है. यह कीटों से बचाव वाला फंगीसाइड व पोषक तत्वों से भरपूर होता है. 16 लीटर की टंकी में 2 लीटर घोल डालकर फसल में छिड़काव करते हैं.
कैसे होती हैं नींबू की खेती?

गर्मियों के मौसम में नींबू का बंपर उत्पादन

फर्रुखाबाद के किसान राघवेंद्र सिंह राठौर बताते हैं कि आमतौर पर नींबू की खेती किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है. एक बीघा में 300 से 400 पौधे तक रोपे जा सकते हैं. वहीं, इसको तैयार करने के लिए किसान अपने खेतों में 5 मीटर प्रति पौधे की दूरी पर एक समतल भूमि पर जैविक उर्वरक डालने के बाद नींबू के पौधे को रोप देते हैं. इस प्रकार यह पौधा 6 महीने में ही फल देने लगता है. इसके साथ ही गर्मियों के मौसम में इसमें भरपूर मात्रा में बंपर नींबू का उत्पादन होता है. जैसे ही इसमें लगे हुए फल के पीले होने लगते हैं. जिसमें रस भी बढ़ जाता है. इनको तोड़कर किसान बाजार में बिक्री कर देते हैं. वहीं, इसके पौधों की रोपाई दिसंबर, फरवरी, जून और सितंबर में उचित मानी जाती है.

नींबू की खेती करने का सबसे सही समय 

राघवेंद्र ने बताया कि जुलाई और अगस्त का महीना नींबू के पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय माना जाता है, इसको लगाने के लिए गड्ढे की खुदाई एक घन मीटर की करनी चाहिए. इसके बाद गड्ढे में 10-15 दिनों तक धूप लगने के बाद अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर गड्ढे में डालकर भर देना चाहिए. जैसे ही जुलाई की पहली बरसात होती है आप लाइम और लेमन दोनों का रोपण कर सकते हैं. दूरी लगभग 4 से 4.5 मीटर आप रख सकते हैं. शुरुआत के एक से दो सालों में नींबू के बाद आप अपने खेत में दूसरी फसलें भी लगा सकते हैं.

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