हरियाणा के कृषि मंत्री कंवर पाल ने सोमवार को अंबाला के जगाधरी विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया है. इस दौरान वे गांव ताहरपुर पहुंचे और हाल ही में हुई ओलावृष्टि और बारिश से गेहूं की फसल के नुकसान का जायजा लिया. कृषि मंत्री ने किसानों से बात की और राजस्व विभाग के अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने और किसानों को दावा दायर करने में मदद करने का निर्देश दिया. कृषि मंत्री ने कहा कि ओलावृष्टि से राज्य के कई हिस्सों में फसलें प्रभावित हुईं और ताहरपुर गांव तथा आसपास के कुछ गांवों में भी नुकसान की खबर है.
उन्होंने कहा कि किसानों को अपने दावे उठाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है. लेकिन यह पता चला है कि कुछ किसानों ने अपनी फसलों को 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकृत नहीं करवाया है. कृषि मंत्री कंवर पाल ने कहा कि पोर्टल से संबंधित मुद्दों का समाधान कर लिया गया है. जिन किसानों के पास एक या दो एकड़ जमीन है और उन्होंने अपनी फसल अनाज मंडी में नहीं ले जाने की योजना बनाई थी. साथ ही उन्होंने अपनी फसल का पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवाया था. इसलिए मैंने अधिकारियों से बात की है और पोर्टल को फिर से खोलने का आदेश दिया है.
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उन्होंने कहा कि किसानों की मदद करने और नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं. किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, गेहूं खरीद सीजन के बारे में मंत्री ने कहा कि गेहूं की खरीद के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खरीद सीजन के दौरान किसानों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े. यदि वे अधिकारियों से संपर्क करेंगे तो कमीशन एजेंटों से संबंधित मुद्दों का भी समाधान किया जाएगा.
बता दें कि हरियाणा में शुक्रवार को अचानक मौसम खराब हो गया था. रेवाड़ी समेत कई जिलों में तेज हवाओं के साथ जमकर ओले गिरे थे. चारों तरफ बर्फ की चादर बिछ गई थी. तेज हवाओं के साथ काफी देर तक आसमान से बर्फ बरसती रही. ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. इससे किसानों को इससे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में किसानों की रबी सीजन की मेहनत पर पानी फिर गया है. खास बात यह है कि एक अप्रैल से हरियाणा की मंडियों में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. उससे पहले हुई ये बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा है. रेवाड़ी जिले के कई गांवों में अभी किसानों की गेहूं की फसल खेतों में ही खड़ी है.
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