MEP घटाने से बढ़ गया बासमती चावल का निर्यात, कीमतों में भी आई 14 प्रतिशत की उछाल, जानें मंडी भाव

MEP घटाने से बढ़ गया बासमती चावल का निर्यात, कीमतों में भी आई 14 प्रतिशत की उछाल, जानें मंडी भाव

ऑल इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एआईआरईए) के पूर्व अध्यक्ष और करनाल स्थित चावल निर्यातक विजय सेतिया ने कहा कि बासमती चावल की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल अधिक हैं, जिससे निर्यात और किसानों को भी फायदा हो रहा है. सरकार ने 15 अक्टूबर तक बासमती चावल पर 1200 डॉलर प्रति टन एमईपी लगाया था, जिसका उद्देश्य 'प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध शिपमेंट को प्रतिबंधित करना था.

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MEP घटाने से बढ़ गया बासमती चावल का निर्यात, कीमतों में भी आई 14 प्रतिशत की उछाल, जानें मंडी भाव निर्यात बढ़ने से बढ़ गई बासमती चावल की कीमत. (सांकेतिक फोटो)

बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) घटाने से मार्केट में इसका असर दिखने लगा है. पिछले एक महीने के अंदर बासमती चावल की कई किस्मों की कीमत में 11 से 14 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे किसानों के साथ- साथ व्यापारियों की भी बंपर कमाई हो रही है. बासमती चावल के निर्यातकों का कहना है कि बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन करने से विदेशों में इसकी डिमांड बढ़ गई है. साथ ही गैर-बासमती चावल की किस्मों के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने से मध्य और पूर्व एशिया के देशों में बासमती का निर्यात बढ़ा है. यही वजह है कि अधिक मांग के चलते कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, निर्यात में उछाल आने से हरियाणा में भी बासमती की कीमत बढ़ गई है. यहां की करनाल मंडी से बासमती की किस्म पूसा 112 का निर्यात सबसे अधिक होता है. यहां पर किसानों को 5000-5100 रुपये प्रति क्विंटल रेट मिल रहा है. जबकि, पिछले साल इसी किस्म की कीमत  4500 से 4600 रुपये प्रति क्विंटल थी. इसी तरह, पूसा बासमती 1509 धान की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. अभी इसका रेट 4000 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि पिछले साल इसी सीजन में इसकी कीमत 3500 रुपये प्रति क्विंटल थी.

ये है बासमती का रेट

यहां तक ​​कि पूसा बासमती 1718 किस्म के रेट में भी इस साल 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उछाल आई है. अभी करनाल मंडी में इसका भाव 4700 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि  पिछले साल इसकी कीमत लगभग 4100 रुपये प्रति क्विंटल थी. खास बात यह है कि यह किस्म बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग के लिए प्रतिरोधी है. हालांकि, अभी करनाल मंडी में व्यापारी और निर्यातक किसानों से 4700 रुपये प्रति क्विंटल बासमती खरीद रहे हैं. वहीं, पिछले साल किसानों से 4100 रुपये प्रति क्विंटल बासमती खरीदा जा रहा था.

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इन देशों में हो रही अधिक सप्लाई

हरियाणा के करनाल स्थित चावल निर्यातक अमित बंसल ने कहा कि 1200 डॉलर टन के उच्च एमईपी के कारण अक्टूबर में शिपमेंट में कमी आई थी. इसके बाद निर्यात में बढ़ोतरी लाने के लिए एमईपी घटाकर 950 डॉलर प्रति टन किया गया. इसके बाद बासमती धान की सप्लाई विदेशों में बढ़ गई. उनका कहना है कि आने वाले दिनों में इसकी मांग में और बढ़ोतरी होने की संभावना है. बंसल ने कहा कि सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे पारंपरिक बाजारों में बासमती की बंपर सप्लाई हो रही है. इसके अलाव इराक में बासमती चावल की मांग में काफी तेजी आई है.

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