चालू चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक भारत का चीनी उत्पादन 12.75 लाख टन दर्ज किया गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि में 20.20 टन से 37 प्रतिशत कम है. हालांकि पेराई पिछले सीजन से पहले शुरू हो गई, लेकिन महाराष्ट्र में गन्ने के रस की कम रिकवरी की भरपाई उत्तर प्रदेश में अधिक रिकवरी से नहीं हो सकती है, जिससे इस साल चीनी उत्पादन में संभावित रूप से गिरावट आ सकती है. इस क्षेत्र के जानकार प्रकाश नाइकनवरे ने कहा, "हालांकि देश भर में नया गन्ना पेराई सत्र थोड़ा पहले शुरू हो गया है, लेकिन वास्तविक गन्ना और चीनी उत्पादन की गति पिछले साल की तुलना में धीमी है.
नाइकनवरे ने कहा कि अल नीनो प्रभाव के कारण इस सीजन में गन्ना और चीनी का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम होने की उम्मीद है. इथेनॉल के लिए डायवर्सन भी एक बड़ा मुद्दा है. गन्ना सीजन 2022-23 में, उत्पादन 330.9 लाख टन था. यह इथेनॉल के लिए डायवर्ट की गई 43 लाख टन चीनी से अलग था. लेकिन इस साल चीनी का उत्पादन घट सकता है.
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उन्होंने कहा इथेनॉल की ओर 40 लाख टन के डायवर्जन के बाद, लगभग 291 लाख टन ही उत्पादन रह जाएगा. हालाँकि, कई उद्योग विशेषज्ञों ने चीनी उत्पादन 290 लाख टन से नीचे गिरने का अनुमान लगाया है, लेकिन फिर भी यह 275-280 लाख टन के वार्षिक खपत अनुमान से अधिक होगा. एनएफसीएसएफ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 263 चीनी मिलों ने 15 नवंबर तक पेराई कार्य शुरू कर दिया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में 317 मिलें पेराई कार्य शुरू कर चुकी थीं. अब तक कुल गन्ना पेराई 162.34 लाख टन है, जो एक साल पहले 246.29 लाख टन से कम है.
औसत चीनी रिकवरी 7.81 प्रतिशत है, जो एक साल पहले 8.17 प्रतिशत थी. रिकवरी प्रत्येक क्विंटल गन्ने की पेराई से उत्पादित चीनी की मात्रा है. चीनी रिकवरी इतना कम होना चिंता वाली बात है.आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में 75 मिलें चालू हैं और उन्होंने 8.60 प्रतिशत की औसत चीनी रिकवरी पर 3.40 लाख टन चीनी का उत्पादन करने के लिए 39.53 टन गन्ने की पेराई की है. इसके विपरीत, महाराष्ट्र में 103 कारखाने चालू हैं और उन्होंने 6.65 प्रतिशत की औसत रिकवरी पर 2.40 लाख टन चीनी का उत्पादन करने के लिए 36.09 लाख टन गन्ने की पेराई की है. पिछले साल इसी अवधि में यूपी में रिकवरी 7.75 फीसदी और महाराष्ट्र में 8.5 फीसदी थी. उधर, कर्नाटक में केवल 50 मिलों ने पेराई शुरू की है और 8 प्रतिशत की औसत रिकवरी पर 4.30 लीटर चीनी का उत्पादन किया है.
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